अपने जख्मों को भर कर अब प्रगति की राह में अब पंजाब चुका है लेकिन 33 साल पहले साल 1984 में लगे पंजाब के जख्मों को आज भी महसूस किया जा सकता है। 33 साल पहले पंजाब के इतिहास में लगे उस दर्दनुमा दाग को आज भी कई लोग नहीं भूल पाए हैं। देश के सबसे बड़े आस्था के मंदिर को आतंकवादियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए सेना के जब सेना आस्था के सबसे बड़े मंदिर पहु्ंची तो पंजाब के इतिहास ने हमेशा के लिए करवट ले ली।
किन हालात में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार‘
6 जून 1984 ये वही तारीख है जब पंजाब के अमृतसर में आस्था के सबसे बड़े मंदिर में हथियारों से लैस आतंकियों ने कब्जा कर लिया था। अपनी मुरादे लेकर जहां लोग आते थे वहां आतंकियों का कब्जा देखकर सभी लोगों में डर तो हुआ ही सथा ही सब लोग हैरान और परेशान होकर यह सोचने के लिए मजबूर हो गए की अब क्या होगा? जिसके बाद अपने उम्दा साहस का बेहतरीर प्रदर्शन दिखाने वाली भारतीय सैनिकों की टीम के जरिए एक स्वर्ण मंदिर को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए एक अभियान चलाया गया जिसला नाम था ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ जिसके बाद यह इतिहास के पन्नों में इस कदर शरीक हो गया की इसे कभी भी भूला नहीं जा सकता।