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कानून बनाकर सरकार करे रामलला के मंदिर का निर्माण बोले डॉ राम बिलास दास वेदान्ती

vadanti कानून बनाकर सरकार करे रामलला के मंदिर का निर्माण बोले डॉ राम बिलास दास वेदान्ती

हरिद्वार। बीती 30 मई को 25 साल बाद आखिरकार अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के आरोपियों पर कोर्ट ने तलब कर इस मामले में आरोपी बनाया है। इस मामले में विहिप के धर्माचार्य और भाजपा के पूर्व सांसद डॉ रामबिलास दास वेदान्ती के साथ अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर और भाजपा के शीर्ष नेता एल के आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विष्णु हरि डालमिया, विनय कटियार, उमा भारती, और साध्वी ऋतम्भरा समेत अन्य का नाम भी है। जिनके ऊपर भी उस विवादित परिसर के विध्वंस का आरोप लगा है। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने चार्ज फ्रेम किया है।

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अयोध्या आंदोलन और डॉ राम बिलास वेदान्ती
90 के दशक में भारत ही नहीं पूरा विश्व अयोध्या की ओर निगाहें लगाये हुए था। विहिप और भारतीय जनता पार्टी ने अयोध्या के संतों को इस आंदोलन के लामबंद करना शुरू किया। जिसमें ब्रह्मलीन गोरक्षपीठ के महंत अवैद्यनाथ की अगुवाई में विहिप के चंपतराय को यह दायित्व सौपा गया था। चंपतराय ने रामजन्मभूमि न्यास का गठन कर पूज्य अवैद्यनाथ जी को इसका अध्यक्ष बनाया। अवैद्यनाथ जी के साथ इसमें ब्रह्मलीन बाबा महंत रामचन्द्रदास परमहंस भी न्यास के अध्यक्ष रहे इसके साथ छोटी छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास को इसका उपाध्यक्ष बनाया गया। इस न्यास में डॉ रामबिलास वेदान्ती को बतौर सदस्य रखा गया, जो कि वर्तमान में न्यास के सबसे पुराने सदस्य हैं।

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