90 के दशक में आंदोलन का किया नेतृत्व
90 के दशक में अयोध्या आंदोलन का कुशल नेतृत्व का जिम्मा भी श्री वेदान्ती महाराज के पास ही रहा था। इनके नेतृत्व के तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार ने कुचलने का भरसक प्रयास भी किया था। जिसके तहत इनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। लेकिन अपने आराध्य के काम को पूरा करने की लगन के चलते ये अपने पथ से विचलित नहीं हुए। इसके बाद 6 दिसम्बर को देश के इतिहास में रच कर दिखा दिया। भारत खबर के सम्पादक अजस्रपीयूष से हुई विशेष वार्ता में डॉ वेदान्ती ने साफ और स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिस विवादित ढांचे को तोड़ने की बात बार बार कही जा रही है। उसे तोड़ने के लिए कारसेवकों से मैने कहा था। क्योंकि वो ढांचा जिसमें रामलला विराजमान थे मंदिर का वह ढांचा था जो कि काफी पुराना और काफी जर्जर था कभी भी गिर सकता है। अब उसी जगह पर नया भव्य मंदिर बनेगा। जिसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। आने वाले समय में हम रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण करेंगे।
राममंदिर निर्माण को लेकर हरिद्वार में बैठक
राम मंदिर के निमार्ण को लेकर विहिप के मार्गदर्शक मंडल की बैठक हरिद्वार में आहुत हुई । इस बैठक में विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा कि राममंदिर निर्माण पर चर्चा नहीं निर्माण होना है। संत समाज के नेतृत्व में इस पर बड़ा निर्माण किया जायेगा। इसी बैठक में संत समाज और प्रतिनिधि मंडल के समक्ष डॉ राम बिलास दास वेदान्ती ने कहा कि केन्द्र में मौजूदा सरकार भाजपा की है। राज्य में गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। जल्द ही राज्यसभा में भी भाजपा का बहुमत आने वाला है। ऐसे में मैं प्रस्ताव केन्द्र को भेजता हूं इस मार्गदर्शक मंडल के जरिए कि इस जनभावना से जुड़े सन्दर्भ को जल्द से जल्द कानून बनाकर रामलला के भव्य मंदिर के निमार्ण का मार्ग साफ करे।