नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को इस मुद्दे पर अपना मत देने से इनकार कर दिया कि पार्टी से निष्कासित होने के बाद सांसद मतदान के दौरान उसके ह्विप का उल्लंघन करने पर दल बदल निरोधक कानून के तहत अयोग्य ठहराए जा सकते हैं या नहीं। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, अरुण मिश्रा और प्रनफुल्ल सी. पंत की पीठ ने कहा, “हम सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं।”
न्यायालय ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता- अमर सिंह और जया प्रदा इस बीच पहले ही अपने राज्यसभा और लोकसभा के कार्यकाल पूरे कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत की एक दो सदस्यीय पीठ ने नवम्बर, 2010 में सात प्रश्नों को एक तीन सदस्यीय बड़ी पीठ के पास भेज दिया था, जिसमें यह भी शामिल था कि पार्टी से निष्कासित होने के बाद सांसद दल बदल निरोधक कानून के तहत पार्टी ह्विप से बंधे होंगे या नहीं।