लखनऊः उत्तर प्रदेश में विशेष जांच दल (SIT) टीम ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में सहकारिता विभाग में हुई 61 पदों पर भर्तियों में गड़बड़ी का मामला सामने आया है।
भंडारण निगम के पूर्व अध्यक्ष ओमकार यादव और सहकारी संस्थागत सेवामंडल के पूर्व अध्यक्ष रामजतन यादव सहित कई अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ छह केस दर्ज किए गए हैं।
दरअसल, प्रशासन ने 28 अप्रैल 2017 को सहकारिता विभाग और इसके अधीन संस्थाओं में 1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 के बीच हुई नियुक्तियों की जांच SIT को सौंपी गई थी। उस दौरान प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में थी। बता दें कि SIT ने इस मामले में पिछले साल भी केस दर्ज किया था। दूसरे अन्य शाखाओं में भी इस तरह से हुई गड़बड़ी के पुख्ता सुबूत इक्कट्ठा करने के बाद SIT ने आरोपियों के खिलाफ छह केस दर्ज किए।
5 मामलों में रामजनत यादव का नाम शामिल
SIT द्वारा दर्ज कराए गए छह केस में से पांच केस में रामजतन यादव को आरोपी बनाया गया है। बता दें कि SIT ने पहला केस उप्र राज्य भंडारण निगम में 2013 में हुई कुल 61 पदों की भर्तियों में हुआई अनियमितताओं पर दर्ज किया था। इनमें भंडारण निगम के तत्कालीन MD ओमकार यादव, डाटा ट्रैक्स कंप्यूटर एजेंसी संचालक नीलम पांडेय, सेवामंडल के तत्कालीन सचिव भूपेंद्र कुमार और उप्र सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के अन्य कई अधिकारी और कर्मचारियों को इसमें शामिल किया गया है। जांच में खुलासा हुआ है कि फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर की गई भर्तियों के साथ कंप्यूटर एजेंसी की मिलीभगत से ओएमआर शीट्स में हेराफेरी भी की गई है।
ऐसे की गई थी ओएमआर शीट्स में हेराफेरी
रामजतन यादव ने भंडारण निगम के तत्कालीन एमडी ओमकार यादव सहित अन्य लोगों से मिलकर ओएमआर शीट्स में सही अभ्यार्थियों के आंसर शीट में 2 से ज्यादा गोले बनाए गए। जिसकी वजह से वह चयन प्रक्रिया से बाहर हो गए और दूसरे लोगों की भर्ती की राह आसान हो गई। जांच में ये भी पाया गया कि ओएमआर मार्कशीट से भी खिलवाड़ किया गया था। पूर्व एसडी समेत दर्जनों अधिकारियों ने अपने लोगों से मोटी रकम लेकर भर्ती करवा दिया।
दरअसल, उप्र राज्य भंडारण निगम, उप्र कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड व उप्र सहकारी भूमि विकास बैंक में भर्ती के 49 विज्ञापन जारी हुए थे। इनमें 9 विज्ञापनों से जड़े 81 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी ही नहीं की गई, जबकि 40 विज्ञापनों से संबंधित 2343 के सापेक्ष 2324 पदों पर भर्ती की गई। जांच में पाया गया कि उप्र सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के जरिए कोऑपरेटिव बैंक में 4 तरह के पदों पर भर्ती की गई है, जिनमें अनिवार्य शैक्षिक योग्यता में नियम के विपरीत परिवर्तन किया गया।
इन पदों पर हुआ था चयन
कनिष्ठ कार्यालय सहायक, प्राविधिक सहायक, मुख्य अधीक्षक, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक तकनीकी, कैशियर, प्रबंधक, कनिष्ठ शाखा प्रबंधक तकनीकी, भंडारण निगम में उप प्रबंधक, लिपिक, प्रोग्रामर कम डाटा इंट्री ऑपरेटर, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, कनिष्ठ शाखा प्रबंधक।