शख्सियत

असम में भाजपा की जीत के असली नायक रजत सेठी

Rajat Sethi असम में भाजपा की जीत के असली नायक रजत सेठी

नई दिल्ली। असम में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल कर जहां विरोधियों को चारों खाने चित कर दिया है, वहीं इस जीत के नायकों में एक और नाम की गूंज सुनाई दे रही है। रजत सेठी एक ऐसा नाम हैं जो सर्बानंद सोनोवाल, हिमंत बिसवा सरमा और राम माधव के अलावा इस जीत में नायक साबित हुआ है।

Rajat Sethi 01

कहा जा रहा है कि रजत सेठी इस जीत के एक ऐसे नायक हैं जिसने पर्दे के पीछे से इस महाविजय की पटकथा लिखी है। इन्ही की बनाई योजना पर चलकर भाजपा ने असम में शानदार जीत दर्ज की है।

कौन हैं रजत सेठी:-

रजत पिछले साल जून में अपनी डिग्री पूरी करने के बाद अमेरिका से भारत लौटे हैं। रजत सेठी कानपुर के रहने वाले हैं, इन्होंने आरएसएस के स्‍कूल शिशु मंदिर से पढ़ाई की है और आईआईटी खड़गपुर से सेठी ने बीटेक किया है। अमेरिका में एमआईटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में इन्‍होंने पढ़ाई करने के बाद सेठी ने एक आईटी कंपनी भी डाली, जिसे बाद में इन्‍होंने बेच दिया था। भाजपी महासचिव राम माधव से मुलाकात के बाद और उनके कहने पर सेठी ने पार्टी की सदस्यता ली। राम माधव ने सेठी को 32 जिलों, 25 हजार बूथों पर काम करने के लिए कहा। सेठी की टीम ने गुवाहाटी को अपना हेडक्‍वार्टर चुना और 20-20 घंटे काम किया। 400 युवाओं को अपनी टीम में इन्‍होंने शामिल किया।

Rajat Sethi 02

सेठी का कहना है कि मैंने बीजेपी की मदद इसलिए की क्योंकि मेरी उसके साथ वैचारिक समानता है। मैं उन हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं की तरह हूं जिन्‍होंने अलग-अलग तरीकों से पार्टी की मदद करने की कोशिश की। इसके सहारे रजत ने यह बताने की कोशिश की है कि वे एक ‘स्वतंत्र कांट्रेक्‍टर’ की तरह नहीं हैं जो अलग-अलग दलों और संगठनों के बीच ‘भटकता’ रहता है।

रजत सेठी के साथी:-

उनके साथ काम करने वाली 28 साल की शुभ्रस्‍था ने प्रशांत किशोर के साथ भी कार्य किया है। वह सिटीजंस फॉर अकाउंटेबल गर्वनेंस नामक संस्था की सह-संस्थापक हैं और 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने मोदी तथा बिहार चुनावों में नीतीश कुमार के लिए कार्य किया था। प्रशांत किशोर के साथ काम करने से पहले शुभ्रस्था ने दिल्ली के मिरांडा कॉलेज से पढ़ाई की थी। शुभ्रस्था कहती हैं, ‘यदि मुझे कोई 1000 करोड़ रुपये की भी पेशकश करे तो मैं तब भी कांग्रेस के साथ काम नहीं करूंगी।’

Related posts

मशहूर गायक “गौहर जान” को गूगल ने डूडल बनाकर किया याद, आप भी देखें उनका सफर

mohini kushwaha

जेएनयू को मिली पहली महिला कुलपति, शांतिश्री धूलिपुडी पंडित होगी यूनिवर्सिटी की नई वाइस चांसलर

Neetu Rajbhar

लता मंगेशकर के 90वें जन्मदिन पर मोदी सरकार ने किया इस सम्मान से सम्मानित

Rani Naqvi