नई दिल्ली। गायक के रुप में एक अलग पहचान बनाने वाली गौहर जान को आज (26जून) गूगल की ओर से डूडल बनाकर याद किया जा रहा है। बता दें कि गूगल की ओर से गौहर की 145वीं जयंती के मौके पर उन्हें याद किया जा रहा है। गौहर जान ने 26 जून 1873 को इस दुनिया में कदम रखा था और वो भारत में 78 आरपीएम रिकॉर्ड पर संगीत रिकॉर्ड करने वाली पहली कलाकारों में से एक थी। आपको बता दें कि भारत के प्रसिद्ध ग्रामाफोन कंपनी द्वारा इस रिकॉर्ड को जारी किया गया था। गौहर यूपी के आजमगढ़ में पैदा हुई थी और एंजेलीना योवार्ड के रुप में पैदा हुई थी।
इस्लाम धर्म अपनाकर बनी गौहर जान
गौहर का असली नाम गौहर नहीं था बल्कि ये नाम उनका तब पड़ा जब गौहर और उनकी मां ने इस्लाम धर्म अपनाया। दरअसल उनकी मां, विक्टोरिया हेमिंग्स, जन्म से एक भारतीय थीं और एक अच्छी प्रशिक्षित गायक और नर्तक थीं। अपने पति के साथ तलाक के बाद, विक्टोरिया एक मुस्लिम राजकुमार ‘खुर्शीद’ के साथ बनारस चली गई और उनके साथ आठ वर्षीय एंजेलीना भी चली गई।
बनारस में, मां और बेटी इस्लाम में परिवर्तित हो गईं। इसके साथ विक्टोरिया ने अपना नाम माल्का जान में बदल दिया, एंजेलीना का नाम गौहर जान में बदल दिया गया। खुद के लिए एक नाम बनाने के साथ मल्का जान बनारस में गायक और कथक बन गई। दो साल बाद, माल्का जान अपनी बेटी के साथ कलकत्ता चले गए और नवाब वाजिद अली शाह की अदालतों में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
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गौहर ने अपना गायकी का सफर कलकत्ता से शुरू किया और अन्य रूपों के साथ हिंदुस्तान शास्त्रीय संगीत, केतन और रबींद्र संगीत में कुशल बन गई। उन्हें शास्त्रीय संगीत के पटियाला घराना के संस्थापक सदस्यों – कलू उस्ताद, रामपुर के उस्ताद वजीर खान और उस्ताद अली बक्ष के संस्थापक सदस्यों के द्रारा शिक्षा ली गई।
गौहर के पहले प्रदर्शन की बात करें तो गौहर ने 1887 में आधुनिक बिहार में दरभंगा राज की अदालतों में किया था। गौहर को ‘पहली नृत्य लड़की’ का खिताब दिया गया था। गौहर ने अपनी पहचान विश्व में बनाते हुए 17 जनवरी 1930 को हो इस दुनिया से अलविदा कह दिया।