नई दिल्ली/चेन्नई। जलीकट्टू खेल की आग अब देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच चुकी है। मकर संक्रांति पर अपने पारंपरिक खेल को न खेल पानी की तकलीफ का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है अब लोग अपने खेल को हरी झंडी मिलने की गुहार लगाने के लिए सड़कों पर उतर आए है और बैन का जमकर विरोध कर रहे हैं। इन्हीं सब के बीच गुरुवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनके अध्यादेश लाने की मांग की। हालांकि पीएम मोदी ने उनसे कहा कि ये मामला न्यायालय के सामने लंबित है बावजूद इसके उन्होंने कहा जलीकट्टू के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझते हैं।
मरीना बीच पर उमड़ा लोगों का हुजूम:-
जलीकट्टू के समर्थन में चेन्नई के मरीना बीच पर जल्लीकट्टू खेल के समर्थकों की भारी भीड़ है। लोग हाथ में बैनर लिए अपने धार्मिक खेल को बहाल करने की मांग कर रहे है। इसके साथ ही तमिलनाडु में 31 कॉलेज इस खेल के समर्थन में बंद है और सोशल मीडिया पर राज्य को एक दिन बंद करने की मांग की जा रही है। लेकिन आज इस मामले पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि वो मरीना बीच पर हो रहे प्रदर्शन पर दखल नहीं देगी।
क्या है जलीकट्टू?
-जलीकट्टू तमिलनाडु का परंपरागत खेल है।
-पोंगल के खास मौके पर बैलों की दौड़ कराई जाती है और लोग उसे अपने काबू में करने की कोशिश करते है।
-इस त्योहार पर मुख्य रुप से बैल की पूजा की जाती है क्योंकि बैल के जरिए किसान अपनी जमीन जोतता है। इसी के जरिए बैल दौड़ का आयोजन किया जाता है।
-इस प्रथा को परंपरा के तौर पर निभाते है।