लखनऊ। सपा में चल रहे सियासी संग्राम के बीच गुरूवार को लगा कि मुलायम खेमा अखिलेश के आगे झुक कर किनारा कर लेगा। सूत्रों की मानें तो उनका कहना है कि अमर सिंह की वजह से अब तक सपा में सुलह हो नहीं पाई है। अगर अमर चाहते तो अखिलेश और मुलायम में सुलह हो सकती है। पार्टी में सुलह कराने के लिए देर रात मुलायम के घर पर बैठक हुई, जिसमें अखिलेश यादव भी शामिल हुये। बैठक के बारे में सूत्रों का कहना है कि अखिलेश अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ना चाहते है वो मुलायम के आगे झूकने के लिये तैयार नहीं है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि शिवपाल यादव और अमर सिंह पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं। अगर दोनों पार्टी से इस्तीफा देते हैं तो इसे मुलायम खेमे की हार के रूप में देखा जा रहा है।
अखिलेश ने दिखाया अपना दम
समाजवादी पार्टी में चल रही बाप-बेटे की लड़ाई का कोई हल ना निकलने के कारण अब 9 जनवरी के संग्राम के लिये तैयारी शुरू हो गई है। दरअसल पार्टी के नाम और साइकिल ‘सिम्बल’ को लेकर दोनों ही खेमे अड़े हुए हैं। ऐसे में चुनाव आयोग ने 09 जनवरी तक दोनों पक्षों से उनका जवाब मांगा है। दोनों खेमे अपने-अपने पक्ष में दलील और तथ्य पेश करेंगे।
अखिलेश गुट यह साबित करने की कोशिश में जुट गया है कि अधिकांश विधायक, विधान परिषद सदस्य, राज्यसभा सदस्य और लोकसभा सदस्य उनके साथ हैं, इसलिए वही असली समाजवादी पार्टी है। रणनीति को अंजाम देने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी विधायकों की बैठक भी बुलाई। बैठक में 200 से अधिक विधायकों के मौजूद होने का दावा किया जा रहा है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक बैठक में पहले से ही तैयार हलफनामे पर हस्ताक्षर करवाए गए हैं। इन्हें चुनाव आयोग में सबूत के तौर पर दिया जायेगा। इसके साथ ही सांसदों ने भी अखिलेश के समर्थन में शपथ पत्र दिए हैं। कहा जा रहा है कि 19 राज्यसभा सांसदों में से 12 सांसद अखिलेश के साथ हैं।