दिल्ली एमसीडी के चुनाव 4 दिसंबर को हुए थे और मतगणना 7 दिसंबर को हुई थी। आप ने 134 वार्ड जीतकर एमसीडी में भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया।
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लेकिन दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद भी दिल्ली वासियों को मेयर नहीं मिल पा रहा है आखिर क्यों ऐसी परिस्थिति पैदा हुई कि ये डगर आसान नहीं दिख रही है तो आज खास रिपोर्ट में जानेंगे दिल्ली मेयर चुनाव के सियासी समीकरण।
हंगामे के बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
बीते दिन भारी हंगामें के बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। जिसके साथ ही एक बार फिर से दिल्ली वासियों को निराशा हाथ लगी क्योंकि जो उनकी समस्याओं का हल करने का दावा कर रहे थे वो अब सियासी कुर्सी के चक्कर में सब भूल बैठें हैं। हंगामें के चलते मेयर चुनाव नहीं हो सका है। दरअसल पार्षदों के लगातार हंगामे के चलते सदन को स्थगित किया गया है। हंगामें के बीच ही दिल्ली नगर निगम चुनाव में सभी 250 निर्वाचित पार्षदों की शपथ हुई। शपथ के बाद ये मांग की जाने लगी कि जो लोग वोट डालने के पात्र नहीं है, उनको सदन के बाहर बैठाया जाए. लेकिन लगातार हो रहे हंगामे के कारण सदन को ही स्थगित करना पड़ा।
सिविक सेंटर में सुरक्षाबल की तैनाती
चुनाव के मद्देनज़र MCD मुख्यालय के सिविक सेंटर में सुरक्षाबल तैनात किए गए थे, दरअसल पिछली बार प्रोटेम स्पीकर सत्या शर्मा ने सबसे पहले मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलवानी शुरू की थी और इसी को लेकर बवाल हो गया था। जिसके चलते दिल्ली नगर निगम का सदन स्थगित करना पड़ा था। इस चुनाव में सभी 250 निर्वाचित पार्षद, 14 दिल्ली के विधायक और 10 दिल्ली के सांसद वोट डाल सकेंगे।
कौन-कौन हैं मेयर और डिप्टी मेयर के दावेदार
मेयर पद के प्रत्याशियों में शैली ओबरॉय और आशु ठाकुर तथा रेखा गुप्ता शामिल हैं। ओबरॉय आप की मुख्य दावेदार हैं, डिप्टी मेयर पद के प्रत्याशियों में आले मोहम्मद इकबाल और जलज कुमार तथा कमल बागड़ी शामिल हैं। कांग्रेस ने मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमिटी सदस्यों के चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया था। जबकि MCD में कांग्रेस के 9 पार्षद हैं।
आप कर रही अपनी जीत का दावा
आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव में अपनी जीत का दावा कर रही है। इसके लिए आप के सदस्यों ने सदन में इलेक्शन डेमो भी करके दिखाया। इलेक्शन डेमो के बाद आम आदमी पार्टी ने कहा कि हमने अपना एक-एक वोट गिनकर मीडिया के सामने दिखाया है। आप के पास पूर्ण बहुमत है इसीलिए “भागती जनता पार्टी” मेयर चुनाव से “भाग” रही है। आप ने कहा कि मेयर चुनाव के लिए हमारे पास 151 वोट हैं। आम आदमी पार्टी ने ट्वीट किया कि, “हमारे पास 134 + 1 पार्षद, 13 विधायक, 3 सांसद हैं।” आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने आरोप लगाया कि बीजेपी के पास नंबर नहीं है इसलिए वो जानबूझकर चुनाव नहीं होने देना चाहती।
क्या कहते हैं मेयर चुनाव के सियासी समीकरण
बता दें कि, मेयर चुनाव के लिए 250 पार्षद, 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद और विधानसभा की ओर से मनोनीत 14 विधायक मतदान करेंगे। कुल मिलाकर 274 मतदाता हैं. विधानसभा स्पीकर ने बीजेपी के 1 विधायक और आप के 13 विधायकों को नामित किया है। आप के पास साफ तौर पर 150 सदस्यों का समर्थन है. जिनमें 134 पार्षद, 3 सांसद और 13 विधायक हैं. वहीं नंबर गेम में बीजेपी के पास 113 वोट हैं. जिनमें 105 पार्षद, 7 सांसद, एक विधायक की वोट शामिल है, कांग्रेस के नौ और दो पार्षद निर्दलीय हैं।
क्या सदन की कार्यवाही खत्म कराई गई?
मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई। आम आदमी पार्टी का कहना था कि 151 की संख्या आप के पास होने के बावजूद 113 वोट वाली बीजेपी ने गुंडागर्दी करके सदन की कार्यवाही को खत्म करा दिया। ये लोकतंत्र का गला घोंटने वाला काम है। आप विधायक आतिशी मार्लेना ने कहा कि बीजेपी की बदतमीजी के बावजूद आप के पार्षद शांत रहे। डिलिमिटेशन अपने हिसाब से किया, गुजरात के साथ चुनाव कराया फिर भी आप ने उन्हें हराया। हमने एलजी साहब से आज ही चुनाव कराने को कहा था पर वो नहीं माने। तमाम आप नेता इस मामले पर बीजेपी को घेरते नजर आए।
BJP ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षदों ने सोची-समझी साजिश के तहत नगर निगम में हंगामा किया है। दिल्ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि बहुमत होने के बावजूद आप महापौर चुनाव में बाधा डाल रही है।