रूस और यूक्रेन के बीच का तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है । इस बीच रूसी टैंकों के यूक्रेन में घुसने से लोगों घबराने लगे हैं ।
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सोशल मीडिया पर यूक्रेन शहर की फोटो और वीडियो लगातार शेयर हो रही है । बॉर्डर से सटे इलाकों से लोग यूक्रेन में अंदर की तरफ भाग रहे हैं। यूक्रेन में मौजूदा जमीनी हालात पल पल बदल रहे हैं।
यूक्रेन के लोगों की नजरें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के भाषण पर गड़ी थीं और उनकी धड़कन भी तेज हो रहीं थीं। खौफ का ऐसा माहौल है कि लोग सो नहीं पा रहे हैं। एक तरफ रूस के टैंक और भारी सैन्य साजो सामान धड़धड़ाते हुए यूक्रेन की सीमा में घुस रहे हैं और दूसरी तरफ अब तक धैर्य रखे यूक्रेन के लोग एक-दूसरे से पूछ रहे हैं कि आगे क्या होगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी कीव में घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहा है। आम लोग अब परेशान नजर आ रहे हैं। सड़कें खाली हैं और लोगों की नजरें टीवी चैनलों पर टिकी हैं।
रूस की सीमा से सटे खार्कीव और दूसरे शहरों में अफरातफरी का माहौल है। लोग पश्चिम की तरफ पलायन कर रहे हैं। मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विदेशी छात्र देश लौट रहे हैं। खार्कीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की माने तो यह स्थिति गंभीर है और अब हम सब लौट रहे हैं।मंगलवार देर रात एयर इंडिया की एक फ्लाइट खार्कीव से करीब 242 भारतीय छात्रों को लेकर दिल्ली पहुंची है।
रूस ने यूक्रेन के दो अलगाववादी इलाकों लुहांस्क और डोनेट्स्क को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे दी है और अपनी सेनाओं को संसद की मंजूरी से ‘विदेशी धरती’ पर भेज दिया है। इन हालात में यूक्रेन के लोगों को लग रहा है कि यूक्रेन के पास अब NATO की तरफ जाने के अलावा कोई दूसरा व्यवहारिक विकल्प नहीं बचा है।
मंगलवार देर रात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश को संबोधित किया और कहा कि इस संकट में यूक्रेन के सभी राजनीतिक दल एक हैं और उनका रंग पीला और नीला है। जेलेंस्की आज यूक्रेन के शीर्ष 50 कारोबारियों के साथ बैठक करेंगे और तय करेंगे कि मौजूदा संकट से कैसे निपटा जाए। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कारोबारियों को मुश्किल हालात में टैक्स में छूट देने की घोषणा भी की है, ताकि इस संकट के कारण इकोनॉमी संकट पैदा न हो।
संकट के समय यूक्रेन के विपक्षी नेताओं ने सरकार के साथ एकजुटता दिखाई है। यूक्रेन के बड़े कारोबारी व विपक्षी नेतारिनात एखमेतोव ने अपना टैक्स एडवांस में ही जमा करा दिया है, ताकि इकोनॉमी को मदद मिले। बता दें कि एखमेतोव पूर्व राष्ट्रपति विक्टर यानूकोविच के समर्थक हैं।
दिसंबर में जब से यूक्रेन को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ा, यूक्रेन की सरकार की तरफ से लोगों को यही कहा गया कि शांत रहें और अपना काम करते रहें। रूस के हमले की आशंका तो जाहिर की जा रही थी, लेकिन ये अंदाजा किसी को नहीं था कि घटनाक्रम इतनी तेजी से बदलेगा।
रूस समर्थित अलगाववादी लंबे समय से पूर्वी इलाकों को यूक्रेन से अलग करने के लिए संघर्ष करते रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन की इन इलाकों को अलग देश की मान्यता देने की घोषणा के बाद अलगाववादी जश्न मनाने लगे। उनका जश्न लंबा नहीं चला है, क्योंकि इस एरिया में हिंसा शुरू हो गई है।