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तेलंगाना सरकार ने यूपी के आलू पर लगाई रोक, जानिए इस कदम के पीछे क्या है राजनीतिक मंशा

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का यूपी दौरा, जानिए क्या है रणनीति

राज्य विधान सभा चुनावों की तारीखों की घोषणा अभी तक नहीं हुई है लेकिन इससे पहले तेलंगाना ने उत्तर प्रदेश के आलू ऊपर रोक लगा दी है। तेलंगाना सरकार का यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार की मुश्किलें तो बढ़ाएगा ही साथ ही तेलंगाना सरकार में शामिल असदुद्दीन ओवैसी के लिए यूपी के किसानों को इसका जवाब देना भी काफी मुश्किल होने वाला है। 

गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी को बिहार विधानसभा चुनावों में मिली थोड़ी बहुत सफलता के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश समेत अन्य चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में बिगुल फूंकने से पहले आलू पर सियासी बुखार काफी तेज होता दिखाई दे रहा है। 

जहां एक और इसके कारण उत्तर प्रदेश के किसान परेशान होंगे वही प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

देश के दक्षिण राज्यों में उत्तर प्रदेश करता है आलू की आपूर्ति

आपको बता दें भारत के दक्षिण राज्यों में आलू की आपूर्ति उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा की जाती हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश से रोजाना तकरीबन एक सौ ट्रक आलू अकेले तेलंगाना को भेजे जाते हैं। सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि तेलंगाना में आलू का जितना कुल उत्पाद होता है वह काफी मुश्किल से 1 महीने तक ही चल सकता है। ऐसे में तेलंगाना में आलू की आपूर्ति अन्य राज्यों पर निर्भर है। 

कीमती होगी प्रभावित

उत्तर प्रदेश ऑल उत्पादक संघ के प्रमुख सुनील कठेरिया ने बताया है कि तेलंगाना सरकार का यह फैसला एक सियासी दांवपेच है। हालांकि इसी कारण कुछ दिनों के लिए कीमतें प्रभावित होंगी। इसी के साथ राज्य में सत्तारूढ़ और क्षेत्रीय दलों की इस से मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं हालांकि यह मसला देशव्यापी सोच नहीं रखता। आपको बता दें कुछ इसी प्रकार के फैसले कई बार पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के द्वारा लिए जा चुके हैं। लेकिन इसका प्रभाव काफी दिन तक नहीं रहा है। 

तेलंगाना का यह फैसला राजनीतिक से है प्रेरित

देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा चुनाव आयोग किसी भी वक्त कर सकता है हालांकि इससे पहले तेलंगाना सरकार का यह फैसला केवल राजनीतिक से प्रेरित दिखाई दे रहा है जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के आलू उत्पादक जिले आगरा और फर्रुखाबाद में करीबन 50 लाख बोरी पुरानी आलू की स्टॉक में पड़ी हुई है ऐसे में उत्तर प्रदेश में आलू की कीमत में गिरावट बन सकती हैं।

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