चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाला है। भारत कई बार उसकी पोल-पट्टी खोल चुका है। अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पश्चिमी देशों को चीन की साजिश के खिलाफ आगाह किया है। ट्रूडो ने कहा है कि पश्चिमी देशों के चीन की साजिश के खिलाफ सतर्क हो जाने की जरूरत है।
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चीन का असली मकसद क्या ?
चीन वेस्टर्न कंट्रीज को एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाने की कोशिश कर रहा है । ताकि वो वर्ल्ड इकोनॉमी और मार्केट पर एक साथ कब्जा कर सके। अब वक्त आ गया है कि सभी पश्चिमी देश चीन की साजिशों का मिलकर जवाब दें। ट्रूडो के पहले अमेरिकी सीनेटर टॉम लेंथल ने भी इसी तरह की बात कही थी। अमेरिका ने हाल ही में चीन की कुछ कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं।
ट्रूडो ने चीन के लिया आड़े हाथ
मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में ट्रूडो ने चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि चीन हमारे खिलाफ अजीब खेल खेल रहा है। इसे साजिश ही समझा जाना चाहिए। वो पश्चिमी देशों को एक दूसरे के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा है। उन्हें लड़ा रहा है। इसके जरिए वो बाजार का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। ट्रूडो ने कहा- अब वक्त आ गया है कि हम इन बातों को समझें। चीन की गलत नीतियों और साजिश वाली डिप्लोमैसी की झलक हम हॉन्गकॉन्ग में देख चुके हैं। वहां लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है। उईगर मुस्लिमों को टॉर्चर किया जा रहा है।
चीन के खिलाफ वेस्टर्न कंट्रीज
इस महीने की शुरुआत में अमेरिका, कनाडा, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने चीन के बीजिंग में होने वाले विंटर ओलिंपिक्स का डिप्लोमैटिक बायकॉट करने का फैसला किया था। इसका मतलब यह है कि इन देशों के एथलीट्स तो बीजिंग जाएंगे। लेकिन कोई डिप्लोमैट टीम के साथ नहीं जाएगा। चीन पश्चिमी देशों के इस कदम से बौखलाया हुआ है। उसने धमकी दी है कि वो सही वक्त पर वेस्टर्न ब्लॉक को इस हरकत का जवाब देगा।
चीन-कनाडा में कैसे शुरू हुई तनातनी
चीन और कनाडा के रिश्तों में तनाव कुछ महीने पहले शुरू हुई थी। कनाडा ने हुवेई इलेक्ट्रॉनिक्स के फाउंडर की बेटी मेंग वांझाऊ को गिरफ्तार कर लिया था। मेंग के खिलाफ अमेरिका की एक अदालत ने वॉरंट जारी किया था। इसके बाद चीन ने अपने देश में दो कनाडाई नागरिकों को अरेस्ट कर लिया। मेंग अब तक कनाडा की जेल में हैं और बदले की भावना के चलते चीन ने चार कनाडाई नागरिकों को ड्रग तस्करी के आरोप में सजा-ए-मौत का ऐलान किया है।
लगता है अब ये मामला शांत नहीं होने वाला है। क्योंकि चीन तो अपनी हरकतों से कभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाला है । क्योंकि उसकी नीति तो विस्तारवादी ही रही है और रहेगी।