आज, 26 दिसंबर 2021 को संविधान दिवस है। पूरे देश में संविधान दिवस हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है, क्योंकि आज ही के दिन भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा औपचारिक रूप से अपनाया गया था। संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया था। हालांकि, भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसके बाद, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जन्म-दिवस के अवसर पर वर्ष 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाये जाने की घोषणा की थी। तब से हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।
इस वर्ष, देश डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की 125वीं जयंती मना रहा है। ‘संविधान दिवस’ साल भर चलने वाले इन राष्ट्रव्यापी समारोहों का हिस्सा होगा। यह डॉ. अम्बेडकर को श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी,” प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा 2015 में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है।
इतिहास और महत्व
भारत के पहले कानून मंत्री डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर को 1947 में संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया और उन्हें देश का नया संविधान लिखने की जिम्मेदारी दी गई। अमेरिकी इतिहासकार ग्रानविले सीवार्ड ऑस्टिन ने अम्बेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान को ‘सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण एक सामाजिक दस्तावेज’ कहा था।
क्या है वर्तमान में प्रासंगिकता
एक संविधान किसी देश में शासन के लिए आधार प्रदान करता है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि सभी के हितों और जरूरतों को ध्यान में रखा जाए। भारत एक विविधताओं का देश है।
कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैले विशाल भारत देश में सैकड़ों भाषाएं, बोली, पहनावे, खान-पान और अन्य विविधताएं देखने को मिलती हैं। ऐसे में संविधान ही वह एक कड़ी है जो हर भारतवासी को एक साथ पिरोती है। संविधान देश को हर नागरिक को एक समान अधिकार देता है और एक समान नियमों में बांधता भी है।
कैसी दिखती है मूल प्रति
– 16 इंच चौड़ी है संविधान की मूल प्रति
– 22 इंच लंबे चर्मपत्र शीटों पर लिखी गई है
– 251 पृष्ठ शामिल थे इस पांडुलिपि में
कितने दिन में हुआ तैयार
पूरा संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ था। 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था।
– संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी। ये बेहतरीन कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखी गई है। इसके हर पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों ने सजाया था।
– संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं। इन्हें आज भी भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित रखा गया है।
– 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू किया गया था। इस दिन को भारत गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है।
– हाथ से लिखे हुए संविधान पर 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे जिसमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। दो दिन बाद 26 जनवरी से यह संविधान देश में लागू हो गया था।
– संविधान 25 भागों, 470 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बंटा भारतीय संविधान किसी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
– मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद (22 भागों में विभाजित) और 8 अनुसूचियाँ थी, किंतु विभिन्न संशोधनों के परिणामस्वरूप वर्तमान में इसमें कुल 470 अनुच्छेद (25 भागों में विभाजित) और 12 अनुसूचियां हैं। संविधान के तीसरे भाग में मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है।
संविधान दिवस 2021 के अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “कोई भी संविधान चाहे वह कितना ही सुंदर, सुव्यवस्थित और सुदृढ़ क्यों न बनाया गया हो, यदि उसे चलाने वाले देश के सच्चे, निस्पृह, निस्वार्थ सेवक न हों तो संविधान कुछ नहीं कर सकता। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की यह भावना पथ-प्रदर्शक की तरह है।” इसके साथ ही पीएम मोदी ने पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा हस्ताक्षरित संविधान पत्र को भी साझा किया।
कोई भी संविधान चाहे वह कितना ही सुंदर, सुव्यवस्थित और सुदृढ़ क्यों न बनाया गया हो, यदि उसे चलाने वाले देश के सच्चे, निस्पृह, निस्वार्थ सेवक न हों तो संविधान कुछ नहीं कर सकता। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की यह भावना पथ-प्रदर्शक की तरह है। pic.twitter.com/UFpvSIpEXJ
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2021
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