हिंदी की सुप्रसिद्ध लेखिका और कथाकार मन्नू भंडारी का सोमवार को निधन हो गया है। 91 साल की उम्र में मन्नू भंडारी ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
हिंदी की सुप्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का निधन
हिंदी की सुप्रसिद्ध लेखिका और कथाकार मन्नू भंडारी का सोमवार को निधन हो गया है। 91 साल की उम्र में मन्नू भंडारी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में मन्नू भंडारी का इलाज चल रहा था यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। महिलाओं की आज़ादी जैसे विषयों पर लिखने वाली और नई कहानी की सशक्त हस्ताक्षर मन्नू भंडारी की पहचान ‘महाभोज’ और ‘आपका बंटी’ जैसे उपन्यासों से है।
ये भी पढ़ें:-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन
3 अप्रैल, 1939 को हुआ था जन्म
मन्नू भंडारी का जन्म मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के भानपुरा गांव में 3 अप्रैल, 1939 को हुआ था। उनकी पहचान पुरुषवादी समाज पर चोट करने वाली लेखिका के तौर पर होती थी। मन्नू भंडारी प्रसिद्ध साहित्यकार राजेंद्र यादव की पत्नी थीं। उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज में बतौर टीचर अपनी सेवाएं दीं। हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए लोग उन्हें याद करते हैं।
मंगलवार को होगा अंतिम संस्कार
कई दशकों तक लगातार लेखन में सक्रिय रहने वाली मन्नू भंडारी ने इसके इतर दूसरे विषयों पर भी अपनी कलम चलाई है। ‘आपका बंटी’, ‘मैं हार गई’, ‘तीन निगाहों की एक तस्वीर’, ‘एक प्लेट सैलाब’, ‘यही सच है’, ‘आंखों देखा झूठ’ और ‘त्रिशंकु’ जैसी महत्वपूर्ण कृतियों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा। मन्नू भंडारी की लिखी किताबों पर फिल्में भी बनी हैं। उनकी कहानी ‘यही सच है’ पर 1974 में ‘रजनीगंधा’ फिल्म बनाई गई। बासु चटर्जी ने इस फिल्म को बनाया था। बता दें कि मन्नू भंडारी का अंतिम संस्कार मंगलवार को दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा।