तुलसी विवाह इस वर्ष 15 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाए जाने वाला तुलसी विवाह का पर्व भगवान विष्णु के शालीग्राम का मां तुलसी के साथ विवाह का प्रतीक है। मान्यताओं के अनुसार स्थिति को तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं और परेशानियों का जल्द समाधान हो जाता है। वही जिन लोगों की शादी नहीं हो रही है उनकी शादी का जल्द योग बन जाता है। इस दिन तुलसी मां की पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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कैसे करें तुलसी विवाह
जो लोग आज तुलसी विवाह करेंगे। वे नहा धोकर साफ वस्त्र धारण करने हैं, और जो लोग मां तुलसी का कन्यादान करेंगे। उन्हें आज पूरे दिन व्रत रखना है। शुभ मुहूर्त के अनुसार तुलसी के पौधे को आंगन में लाएं या छत पर किसी चौकी पर स्थापित करें। वहीं दूसरी चौकी पर भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप को स्थापित करें। चौकी पर अष्टदल कमल बनाकर उस पर कलश रखें। साफ लाल कपड़े नारियल को लपेटकर कलश पर रखें।
मां तुलसी और भगवान शालिग्राम जी को गंगाजल से स्नान करवाए। मां तुलसी की चौकी को रोली और भगवान शालिग्राम की चौकी को चंदन का टिका लगाएं।
मां तुलसी के गमले के ऊपर गन्ने से मंडप सजाया सुहाग का प्रतीक लाल चुनरी चढ़ाए। तुलसी के गमले को साड़ी पहनाई और सुहागन की तरह तैयार करें। वहीं दूसरी चौकी पर विराजमान शालिग्राम महाराज को पीले वस्त्र धारण करें। इतनी बार भगवान शालिग्राम और तुलसी को हल्दी का लेप लगाएं। धूप, दीप,पुष्प चढ़ाएं। इतनी बाद तुलसी मंगाष्टक का पाठ करें। पाठ करने के पश्चात हाथ में आसन सहित भगवान शालिग्राम को लेकर मां तुलसी की सात परिक्रमा करें उसके बाद मां तुलसी और शालिग्राम महाराज की आरती करें भोग लगाएं पूजन के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें इसी के साथ तुलसी विवाह संपन्न हो जाएगा।