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वैज्ञानिकों ने स्वतंत्रता आंदोलन में निभाई थी अहम भूमिका: महापौर

संयुक्ता भाटिया वैज्ञानिकों ने स्वतंत्रता आंदोलन में निभाई थी अहम भूमिका: महापौर

लखनऊ। विज्ञान भारती अवध प्रांत की ओर से स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत वर्ष भर होने वाली गतिविधियों के शुभारंभ का भव्य कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर विज्ञान भारती अवध प्रान्त के महासचिव डॉ रजनीश चतुर्वेदी, प्रांत संगठन मंत्री श्रेयांश मंडलोई और अध्यक्ष डॉ एसके बारिक नें अतिथियों  और प्रतिभागियों का स्वागत किया। वरिष्ठ प्रचारक और विज्ञान भारती के संरक्षक डॉ शंकर तत्ववादी ने देश के स्वतंत्रता आन्दोलन में महान वैज्ञानिकों डॉ सीवी रमन, डॉ मेघानंद साहा, आचार्य प्रफुल्ल चन्द्र रे, डॉ विक्रम साराभाई, डॉ जेसी बोस के योगदान के बारे में चर्चा की।

डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रोफेसर राना कृष्णा पाल सिंह ने बताया की इन महान वैज्ञानिकों के प्रेरणादायक व्यक्तित्व और कृतित्व को आज सभी विद्यार्थियों को अनुकरण करने एवं जीवन संघर्षों से जन जन को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा की विज्ञान भारती द्वारा आयोजित किये जाने वाले स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव भारत के स्वतंत्रता आंदोलन और हमारे इतिहास की ओर देखने के लिए नया दृष्टिकोण लाएगा। क्या हमने वैज्ञानिक समुदाय के योगदान को याद किया है? इस पर चिंतन मनन करने को भी प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में सामान्यतःएक समझ निर्मित हुई है कि हमारा स्वतंत्रता आंदोलन मुख्य रूप से राजनैतिक था। साथ ही आर्थिक व सामाजिक पक्ष भी इसके साथ जुड़े हुए थे। लेकिन, विज्ञान के क्षेत्र में भी स्वतंत्रता का आंदोलन या संघर्ष रहा था और वैज्ञानिकों का भी इसमें बहुत बड़ा योगदान था।

महापौर ने कहा कि सामान्यतः इस बात की जानकारी अपने देश में बहुत ही कम लोगों को है। विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत लोगों को भी इस बात की जानकारी नहीं के बराबर है। आज जब हम स्वतंत्रता का 75वां वर्ष मना रहे हैं तब हमारा यह प्रयास है कि अपने देश में स्वतंत्रता संघर्ष में विज्ञान क्षेत्र का जो योगदान रहा। वह लोगों तक जाए ,समाज में स्वतंत्रता के मूल अर्थों और इसके प्रति किए गए योगदानों के प्रति एक समझ विकसित हो। विभिन्न स्वरूपों और साधनों के माध्यम से हम भारतीय वैज्ञानिकों के अदम्य साहस की गाथा को उजागर करेंगे।

संयुक्ता भाटिया ने कहा कि कठिन समय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में उनके अद्वितीय योगदान को याद करेंगे। हम कई स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में कहानियां और घटनाएं पढ़ते, सुनते और देखते हुए बड़े हुए हैं। हमारे वैज्ञानिकों को भी शोध करने और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उच्च शिक्षा प्राप्त करने से रोका गया था। हालाँकि, उनकी कठिनाइयों के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। उनकी सफलता की राह आसान नहीं थी। उन्हें लगातार भेदभाव का सामना करना पड़ा।

मेयर ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हमारे वैज्ञानिकों को जिस तरह की कठिनाई झेलनी पड़ी है। उस पर अगर शोध किया जाए तो शोधग्रन्थों का ढेर लग जाएगा। उन्होंने विज्ञान भारती अवध प्रांत द्वारा अगले एक वर्ष तक प्रांत के गाँव-गाँव तक विज्ञान जागरूकता का प्रसार करने और जन-जन को विज्ञान से जोड़ने के लिए धरातल पर किये जाने वाले कार्यक्रमों की प्रशंसा की।

इस मौके पर विद्यार्थी, शिक्षक, देश विदेश के वैज्ञानिक, शोध छात्र, नवोन्मेषक, प्रांत एवं जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारी एवं अन्य गणमान्य अतिथि विधा भारती के गोरक्ष प्रांत संगठन मंत्री रामये, डॉ सीएम नौटियाल, डॉ अरविन्द माथुर, डॉ मधुलिका, डॉ नीरज तिवारी, डॉ राजकमल श्रीवास्तव, मनीष पांडे, संदीप द्विवेदी, डॉ रामबालक सिंह, सुशील द्विवेदी, अभिमन्यु, डॉ रेखा शर्मा, डॉ पीपी गोठवाल, डॉ शैलेन्द्र सक्सेना, डॉ ममता शुक्ला, डॉ केडी द्विवेदी, डॉ अनिल कुमार, प्रदीप नारायण, प्रतीक्षा सिंह, अमितेश मिश्रा समेत कई लोग मौजूद रहे।

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