राजस्थान में इन दिनों मानसून की बारिश कहर बनकर टूट रही है। हर गली, हर नाला उफान पर है। प्रदेश में अब तक 11 तहसीलों में 1 हजार मिलीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
बारिश से बेहाल हुआ राजस्थान
यूं तो मानसून की बारिश देशभर में कई राज्यों में कहर बरपाए हुए है। भारी बारिश और बाढ़ ने लोगों की रफ्तार पकड़ती जिंदगी पर ब्रेक लगा दिया है। मैदानी हो या पहाड़ी इलाके हर जगह बारिश कहर बनकर टूट रही है। राजस्थान में भी इन दिनों हालात ऐसे ही बने हुए हैं। जगह-जगह बारिश के पानी ने कोहराम मचा रखा है। कहीं लोगों के घऱ पानी में तैरते दिख रहे हैं तो कहीं पानी से जिंदगी लड़ती दिख रही है। प्रदेश में अब तक हुई मानसून की बारिश के दौरान 11 तहसीलों में एक हजार मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
सवाई माधोपुर में बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में आसमानी आफत लोगों पर कहर बरसा रही है। वैसे तो जिले में सभी जगहों पर भारी बारिश हो रही है लेकिन देवपुरा तहसील बारिश के कहर से कुछ ज्यादा ही प्रभावित है। यहां अब तक 1438 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है। भारी बारिश के चलते अब यहां बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। जिससे जन जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो चुका है।
बारां की शाहबाद तहसील में 1,320 एमएम बारिश
प्रदेश में मानसून की बारिश में बारां जिला भी पूरी तरह से भीग चुका है। यहां भी बरसात का पानी लोगों की जिंदगी पर ब्रेक लगाए हुए है। बारां के शाहबाद तहसील में अब तक 1320 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है। मानसून की सबसे ज्यदा मार कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, टोंक, जयपुर, भरतपुर, करौली, दौसा और अलवर पर पड़ रही है। इन जिलों में बारिश का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है।
हालात बिगड़ने पर सरकार ने मांगी सेना से मदद
राजस्थान में हो रही भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। जिससे निपटने के लिए अब गहलोत सरकार ने सेना से मदद मांगी थी। जिसके बाद से सेना के जवान बाढ़ में फंसे लोगों का रेस्क्यू कर रहे हैं। प्रदेश के हाड़ौती, बारण, कोटा सहित कई जिलों में बाढ़ से हालात बदतर हो चुके हैं।
कई जिलों में अभी भी बारिश का इंतजार
राजस्थान में 11 जिले ही ऐसे हैं जहां 1 जून से 7 अगस्त के बीच मेघ जमकर बरसे हैं। हालांकि अभी भी प्रदेश के कई जिलों में लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं। कहीं बारिश कहर बनकर बरस रही है तो कहीं लोग हल्की बारिश के लिए भी तरह रहे हैं। खैर. पश्चिमी राजस्थान में आने वाले जिलों की अधिकतर तहसील ऐसी हैं, जहां अब तक 400 एमएम बारिश तक दर्ज नहीं हो सकी है। बारिश के हिसाब से देखा जाए तो आधे जिले ही अच्छी तरह तर-बतर हो सके हैं। बाकी जिलों को दूसरे दौर की बारिश का इंतजार है। बाढ़मेर, बीकानेर, गंगानगर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, पाली, नागौर, राजसमंद, झुंझुनूं और उदयपुर में बारिश का जोर कम देखने को मिला।