लखनऊ: उत्तर प्रदेश दलित कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अलोक प्रसाद के आवाहन पर प्रदेश भर में दलित सम्मान दिवस मनाया गया। आज के दिन इस समारोह को मानाने की वजह भी कांग्रेसियों ने बताई है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आज ही के दिन बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को तत्कालीन प्रधानमंत्री प. जवाहरलाल नेहरू ने कैबिनेट में नाम प्रस्तावित किया था और 15 अगस्त 1947 को डॉ. आंबेडकर ने कानून मंत्री का कार्यभार सम्भाला था।
दलित विरोधी है ये सरकार: कांग्रेस
कांग्रेसियों का कहना है कि मौजूदा सरकार दलित विरोधी है। इस सरकार में आए दिन दलित माताओं, बहनों और भाईयों पर हमले होते हैं। कहीं बलात्कार की घटनाऐं हो रही हैं तो कहीं हत्याएं हो रही हैं। पिछड़ों के मकान-घर गिरा दिये जा रहे हैं, जमीन पर कब्जा हो रहा है। सरकार और उसमें बैठे लोग खुलेआम दलित वर्ग पर हिंसा कर रहे हैं। कानून व्यवस्था का डर खत्म हो गया है। इसी से क्षुब्ध होकर कांग्रेस दलित सम्मान दिवस मना रही है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आजमगढ़ में दलित प्रधान पर पुलिस उत्पीड़न किया गया, चंदौली में दलित परिवार का घर जलाया गया, कानपुर में जाति पूछकर दलित भाईयों और उनके परिवार वालों के साथ मारपीट की गई, सहारनपुर में दलित युवक की मूंछ कटवा दी गयी। ऐसी कई घटनाएं आए-दिन दलित वर्ग के लोगों के साथ हो रही हैं।
दलितों के सम्मान में कांग्रेस सदैव आगे रहती है
कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह का कहना है कि कांग्रेस पार्टी दलितों के सम्मान के लिए हमेशा खड़ी रहती है। हम सड़क से लेकर सदन तक जनहित मुद्दों को उठाते हैं और इसी वजह से आज लगभग सभी कांग्रेसियों पर मुक़दमे दर्ज हैं। हालांकि, हम इन मुकदोम से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि दलित सम्मान दिवस कोई पोलिटिकल एजेंडा नहीं है, हम समाज के हर उस वर्ग की आवाज़ बनेंगे जो इस सरकार में परेशान है।