लखनऊ। सर्वदलीय निषाद कश्यप यूनियन द्वारा कुंवर सिंह निषाद के नेतृत्व में अनुसूचित जाति के आरक्षण की मांग को लेकर निकाली गई पदयात्रा सोमवार को प्रयागराज पहुँची। प्रयागराज पहुंचने पर मूरतगंज और सिविल लाइंस पर निषाद कश्यप समाज के लोगों द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया। पदयात्रा किला घाट से प्रारंभ होकर बड़े हनुमान जी होते हुए त्रिवेणी संगम तक निकाली गई। पदयात्रा में भारी संख्या में नाविकों ने भाग लिया। इस मौके पर पदयात्रा के बाद नाविक समाज के लोगों ने संगम तट पर आरक्षण नहीं देने पर भाजपा को सबक सिखाने का संकल्प भी लिया।
आरक्षण नहीं तो 2022 में बदल देंगे सरकार
संगम तट पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए यात्रा के संयोजक कुँवर सिंह निषाद ने कहा कि यदि सरकार आरक्षण नहीं दिया तो सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए निषाद कश्यप समाज संकल्पित है। उन्होंने कहा कि निषाद कश्यप समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र का अंग रहा है अब भाजपा अपने वादे से मुकर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सल्तनत का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है यदि हमारी आवाज दबाई गई तो दिल्ली और लखनऊ दोनों को ही मोदी और योगी के लिये सपना बन जायेगा, साथ ही कुँवर निषाद ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी जी अपनी मोड़ घांची जाति को आरक्षण दे सकते हैं तो उत्तर प्रदेश के निषादों से क्या दुश्मनी है।
भाजपा सरकार का रवैया समाज को गुमराह करने वाला
नाविक संघ के उपाध्यक्ष अशोक कुमार निषाद ने कहा कि भाजपा सरकार का रवैया हमारे समाज को गुमराह करने वाला है। हमें धोखे में रखा जा रहा है आरक्षण नहीं तो वोट नहीं यह हमारा संकल्प है।
नाविक संघ के सचिव मंगन निषाद ने कहा कि यदि हमारी माँगों को नजरअंदाज किया गया को भाजपा की नैया डुबाने के लिये हम कमर कस चुके हैं
पदयात्रा 11 जुलाई से मथुरा से प्रारंभ होकर आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बाँदा, चित्रकूट, फतेहपुर, कौशाम्बी आदि जिलों में निकाली जा चुकी है।
पदयात्रा में मुख्यरूप से गगन निषाद, रणविजय निषाद, मयंक निषाद, अशोक शास्त्री, महेंद्र निषाद महामंत्री निषाद यूनियन, विश्वनाथ निषाद, रमेश निषाद ठेकेदार, ओमवीर निषाद, श्यामजी निषाद, चंदन मांझी, दीपेंद्र निषाद, पवन निषाद, झूठन राम निषाद, वंदनाराज निषाद, कौशलेंद्र निषाद शामिल रहे।