सरकार और किसानों के बीच पिछले काफी लंबे समय से लड़ाई चल रही है, और अब यह लड़ाई दिल्ली के जंतर – मंतर तक पहुंच गई है।
कृषि कानूनों का लगातार किया जा रहा विरोध
केंद्र सरकार ने जब से तीन कृषि कानूनों को लागू किया है तब से किसानों द्वारा लगातार इसका विरोध किया जा रहा है। सरकार से कई बार बातचीत करने के बाद भी इसका कोई हल नहीं निकला है। जिसके चलते अब किसानों ने दिल्ली की ओर अपना रूख कर लिया है।
प्रदर्शन को मिली हरी झंडी
तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को आखिरकार दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन को हरी झंडी मिल गई है। किसान आज से जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षा के बीच ‘किसान संसद’ शुरू करेंगे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सिंघु बॉर्डर से लेकर जंतर-मंतर तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं। जगह-जगह पुलिस की तैनाती है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नौ अगस्त तक अधिकतम 200 किसानों को प्रदर्शन की विशेष अनुमति दे दी है। जानकारी के मुताबिक 200 किसानों का एक समूह पुलिस की सुरक्षा के साथ बसों में सिंघू सीमा से जंतर-मंतर आएगा और वहां दोपहर 11 बजे से शाम 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करेगा।
9 अगस्त तक मिली प्रदर्शन की मंजूरी
लगातार विरोध कर रहे किसानों को सिर्फ 9 अगस्त तक ही जंतर – मंतर पर प्रदर्शन करने की मंजूरी मिली है। संसद का मॉनसून सत्र यदि 13 अगस्त को समाप्त होगा, तो जंतर-मंतर पर उनका विरोध प्रदर्शन भी अंत तक तक जारी रहेगा। हालांकि उपराज्यपाल ने नौ अगस्त तक प्रदर्शन की अनुमति दी है।
कोरोना नियमों का करना होगा पालन
जानकारी के मुताबिक सभी किसानों को पुलिस द्वारा तय किए गए रूट पर ही आना होगा। कोरोना नियमों का पालन करना जरूरी है। मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, नियमित रूप से हाथ धोना और सैनिटाइटर आदि का उपयोग करना। जिसके चलते इन सभी के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
रोजाना 200 किसानों की होगी एंट्री
कोरोना और सुरक्षा इंतजामों को देखते हुए अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान यूनियनों को शहर में प्रवेश की अनुमति दी है। आज यानि गुस्वार से 9 अगस्त तक हर दिन अधिकतम 200 किसानों द्वारा सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेगा।