रायबरेली: अमेठी की सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से एक और बड़ी उपलब्धि छीन ली है। असल में मंत्री स्मृति ईरानी को दिशा का अध्यक्ष बनाया गया है। पिछले 16 सालों से सोनिया गांधी दिशा की अध्यक्ष थी।
16 सालों से था सोनिया गांधी का कब्जा
लोकसभा चुनाव के बाद जिला विकास समन्वय और अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष पद का चुनाव होता है। जिले के सांसद को उसका अध्यक्ष मनोनीत किया जाता है। पिछले 16 सालों से सोनिया गांधी अनुश्रवण समिति दिशा की अध्यक्ष थी। लेकिन अब स्मृति ईरानी को दिशा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
दिशा अध्यक्ष विकास के कार्य को गति देने का काम करता है
जिले में विकास करने के लिए जिला विकास समन्वय और अनुश्रवण समिति दिशा का गठन किया जाता है। जिले के सांसद-विधायक-ब्लॉक प्रमुख-जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य कई जनप्रतिनिधि को समित से जोड़ा जाता है। इनकी बैठक कर कई कार्यों को गति देने की योजना बनाई जाती है।
2004 से 2019 तक सोनिया रही अध्यक्ष
2004 से 2019 तक लगातार सोनिया गांधी को दिशा की अध्यक्ष मनोनीत किया जाता रहा। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद दिशा के अध्यक्ष का मनोनयन किया जाना था लेकिन चुनाव-अन्य कारणों से मनोनयन नहीं हो पाया। लेकिन इसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी को ही माना जाता रहा।
जिलाअधिकारी की अध्यक्षता में स्मृति बनी अध्यक्ष
आज डीएम वैभव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी को दिशा का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। स्मृति ईरानी को दिशा का अध्यक्ष बनाने पर राजनीति बहस शुरू हो गई है।
कांग्रेस प्रवक्कता ने सोनिया का किया बचाव
स्मृति ईरानी को दिशा का अध्यक्ष बनाने पर कांग्रेस प्रवक्ता विनय द्विवेदी ने कहा सोनिया गांधी पर इस बात का कोई असर नहीं पड़ेगा। जिले में जो भी विकास हुआ है वह सब सोनिया गांधी ने करावाया है। स्मृति ईरानी ने अभी तक एक ईंट भी नहीं लगावाई है।
बीजेपी नेता ने कहा अब विकास होगा और तेज
भाजपा नेता उमेश प्रताप सिंह ने कहां जीतने के बाद सोनिया गांधी रायबरेली की जनता से मिलने तक नहीं आती है। जबकि स्मृति ईरानी अपने संसदीय क्षेत्र में लगातार दौरा करती रहती है। दिशा का अध्यक्ष मंत्री स्मृति ईरानी के बनने के बाद विकास की गति और बढ़ेगी।