लखनऊ: KGMU मेडिकल कॉलेज में गैर शैक्षणिक कर्मियों को एसजीपीजीआई के समान वेतन और भत्ते के लिए 23 अगस्त 2016 को जारी शासनादेश के क्रम में संवर्गीय पुनर्गठन की प्रक्रिया 5 वर्ष बाद अभी तक लंबित है।
KGMU में कर्मियों को नहीं मिल रहा मानदेय
केजीएमयू के अधिकांश कर्मियों को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है। 28 जनवरी 2021 को माननीय मंत्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा शिक्षा, वित्त एवं संसदीय कार्य की अध्यक्षता में चिकित्सा शिक्षा एवं वित्त विभाग के उच्चाधिकारियों के मध्य मंत्री के सचिवालय स्थित कार्यालय में उक्त संदर्भित प्रकरण पर गंभीरता पूर्वक बैठक आहूत की गई।
मंत्री सुरेश खन्ना ने दिए थे निर्देश
सुरेश खन्ना ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव डॉ रजनीश दुबे और अपर मुख्य सचिव ,वित्त विभाग को अप्रैल माह तक 4 कैडर एवं सितंबर माह तक अधिकतम कैडरो का संवर्गीय पुनर्गठन करने हेतु कड़े दिशा निर्देश दिए गए थे।
नहीं जारी हुआ शासनादेश
सुरेश खन्ना के सख्त निर्देशो के बाद भी शासन द्वारा मात्र एक कैडर(नर्सिंग कैडर) का ही शासनादेश जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार एवं सुरेश खन्ना की सकारात्मक सोच तथा निर्देशों की घोर अवेहलना है। जिससे केजीएमयू कर्मियों में भारी रोष व्याप्त है।
पेट के बल लेटकर करेंगे विरोध प्रदर्शन
इसी क्रम में कर्मचारी परिषद ,केजीएमयू ने यह निर्णय लिया है कि यदि एक माह के भीतर प्रक्रिया में तेजी लाते हुए संवर्गीय पुनर्गठन हेतु शासन द्वारा शासनादेश जारी नहीं किए जाते हैं। तो वर्तमान में कोविड-19,ब्लैक फंगस इत्यादि गंभीर बीमारियों के चलते पूरे प्रदेश से आने वाले मरीजों के स्वास्थ के प्रति किसी भी प्रकार की अनदेखी-आंदोलन न करते हुए स्वयं कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार, 17 अगस्त 2021,दिन मंगलवार को माननीय कुलपति, केजीएमयू के कार्यालय से चिकित्सा शिक्षा एवं वित्त विभाग मुख्यमंत्री आवास तक पेट के बल लेटकर जाएंगे।
इस समय अगर कोई संवेदनशील घटना होती है तो पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। इस विरोध प्रदर्शन के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है तो अगले महीने बड़ा आंदोलन करेंगे।