लखनऊ। पिछले दिनों आजमगढ़ के पलिया और गोधैरा गांव में हुए कथित पुलिसिया उत्पीड़न के खिलाफ कांग्रेस ने अभी तक मोर्चा संभाला हुआ है। पहले ही दिन से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग पर अड़ी कांग्रेस ने सोमवार को दलित पंचायत की, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
लोगों के हुजूम के बीच से कांग्रेस ने ऐलान किया कि जब तक दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होगा, वे वहां से हिलेंगे नहीं। दलित पंचायत में महाराष्ट्र के मंत्री नीतिन राउत, यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पंजाब सरकार में मंत्री राजकुमार वेरका और पूर्व सांसद उदित राज भी पहुंचे थे।
bharatkhabar.com से बातचीत में कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद ने बताया कि पलिया गांव में पुलिस ने जिस तरीके से दलित समाज के लोगों पर अत्याचार किया है, वो माफी के काबिल बिल्कुल नहीं है। मामूली सी बात पर लोगों के घर ढहा दिए गए, महिलाओं की आबरू पर हाथ डाला गया, जेवर लूट लिए गए, पूरे गांव पर मुकदमा लाद दिया गया यह किसी अत्याचारी शासन से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि इस अत्याचार के खिलाफ कांग्रेस खड़ी है और आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।
आलोक प्रसाद ने बताया कि इसी प्रकार गधौरा गांव में जिला पंचायत चुनाव के दौरान काउंटिंग में धांधली की गई। जिस पर जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशी कन्हैया कुमार ने सवाल उठाए और रिकाउंटिंग की मांग की। इस बात पर जो शोषण की कार्रवाई उनके और दलित समाज के लोगों पर की गई है, उससे किसी की भी रूह कांप जाएगी।
उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार ने जो भी मांग की थी वो सभी संविधान सम्मत थीं। लेकिन, जिस तरह पुलिस ने दलित समाज के लोगों पर मुकदमे लाद दिए, रातों-रात लोगों को उठाकर उनके खिलाफ गैंगेस्टर तक की कार्रवाई की है, वो किसी भी समाज और सरकार के लिए शर्मसार करने वाली घटना है।
अखिलेश-मायावती की चुप्पी बताती है कि वो बीजेपी से मिले हुए हैं
आलोक प्रसाद ने सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा इसी आजमगढ़ से अखिलेश यादव सांसद हैं। उनको जिताने के लिए दलितों ने दिन रात एक कर दिया था। लेकिन, आज जब दलितों के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाएं हो रहीं हैं तो उनके मुंह से बोल नहीं फूट रहे हैं।
आलोक प्रसाद ने कहा कि अखिलेश यादव आंबेडकर जयंती मनाते हैं, दलितों को लुभाने के लिए आंबेडकर विंग बनाने का ऐलान करते हैं लेकिन जब दलितों के हक और हुकुक की बात आती है तो चुप्पी साध लेते हैं।
आलोक प्रसाद ने बसपा सुप्रीमो मायावती को भी जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि मायावती का सियासी पारा आजमगढ़ की ही धरती से चढ़ा। आजमगढ़ जिले में ही आने वाले लालगंज से उनकी भी एक सांसद हैं, लेकिन मायावती भी इस मामले में खुलकर बोल नहीं पा रहीं हैं।
दलितों की नेता होने का दावा तो करतीं हैं तो लेकिन उनके खिलाफ शोषण की घटनाओं पर कुछ नहीं बोलतीं हैं। उन्होंने कहा कि चाहे मायावती हों या अखिलेश यादव, दोनों ही भाजपा से मिले हुए हैं। यही कारण है कि दलितों के शोषण पर वो कुछ नहीं बोलते हैं।
AICC सचिव @Narwal_inc जी, राष्ट्रीय प्रवक्ता @Dr_Uditraj जी समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्त्ता शामिल हुए। 1/2
— UP Congress (@INCUttarPradesh) July 12, 2021
दलित पंचायत में जुटा मजमा
कांग्रेस ने गधौरा गांव में दलित पंचायत भी बुलाई थी। दलित पंचायत में महाराष्ट्र के मंत्री नीतिन राउत, यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पंजाब सरकार में मंत्री राजकुमार वेरका और पूर्व सांसद उदित राज भी मौजूद रहे। सभी कांग्रेसी नेताओं ने साफ कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों को ट्रांसफर या लाइन हाजिर कर देने से काम नहीं चलेगा। जब तक सरकार इन दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा नहीं करती है, कांग्रेस यहीं डटी रहेगी।
इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय नेता, कार्यकर्ता और जनता वहां मौजूद रही। आलोक प्रसाद ने कहा कि प्रियंका गांधी प्रतिदिन आजमगढ़ की इन दोनों घटनाओं की अपडेट ले रहीं हैं। उन्होंने कहा कि दलितों के खिलाफ हो रहे शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।