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गंगा में शवों से बढ़ा प्रदूषण का खतरा, IITR-CSIR टीम ने इक्कट्ठा किए नमूने

ganga गंगा में शवों से बढ़ा प्रदूषण का खतरा, IITR-CSIR टीम ने इक्कट्ठा किए नमूने

लखनऊ। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि देश के कई राज्यों में कई हंसते-खेलते परिवार को तबाह करने का काम किया है। इस बीच आलम ये हुआ कि शवों को दफनाने और जलाने की असुविधा को देखते हुए लोगों ने शवों को नदियों में प्रवाहित करने का काम शुरू किया।

गंगा नदी में लगातार मिल रहे शवों को देखते हुए अब नदी में प्रदूषण की खबर जोर पकड़ रही है। CSIR-IITR (Council of Scientific and Industrial Research) (Indian Institute of Technology Research) लखनऊ की संयुक्त टीम ने कानपुर, प्रयागराज और काशी से गंगाजल के नमूने लेकर जांच के लिए भेजा है। 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट आने के बाद अब साफ होगा कि गंगा नदी में कितना प्रदूषण फैल चुका है।

अलग-अलग जगहों से एकत्रित किए नमूने

बता दें कि सैंपल लेने के लिए लखनऊ स्थिति भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान की तीन सदस्यीय टीम प्रयागराज स्थित श्रृंगवेरपुर घाट पहुंचा, जहां उनके साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम भी मौजूद रही। इस दौरान ने टीम ने जहां शव दफनाए गए हैं, उसी ओर से पीपीई किट में सैंपल लिया और उसके बाद फाफामऊ घाट पहुंचकर वहां गंगाजल का सैंपल लेकर लखनऊ लौट आई। यही नहीं, कानपुर और उन्नाव स्थिति रौतापुर श्मशान घाट के चार अलग-अलग जगहो से टीम ने सैंपल एकत्रित किए।

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