उन्नाव: उत्तर प्रदेश का उन्नाव जिला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार उन्नाव पुलिस पर पिटाई से युवक की मौत का गंभीर आरोप लगा है।
जिले के बांगरमऊ में कोरोना कर्फ्यू के दौरान एक युवक ठेले पर सब्जी बेच रहा था तो पुलिस उसे पकड़कर कोतवाली ले गई। कोतवाली में अचानक उसकी हालत बिगड़ गई, जिस पर आनन-फानन उसे लेकर सीएचसी ले जाया गया। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सड़क पर शव रखकर हंगामा
सब्जी विक्रेता के परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने सीएचसी में हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही देखते हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए और शव रखकर हंगामा करने लगे। मौके पर हालात बिगड़ते देख तीन थानों की पुलिस पहुंची और जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराने की कोशिश की। प्रदर्शन कर रहे लोग रात तक जाम लगाए हुए थे।
जानकारी के मुताबिक, भटपुरी निवासी 18 वर्षीय मोहम्मद फैसल सब्जी बेचता है। शुक्रवार दोपहर वह सब्जी मंडी के पास स्थित अपने घर के बाहर ठेले पर सब्जी बेच रहा था, तभी चौकी के पुलिसकर्मी पहुंच गए। पुलिस को देखकर फैसल व अन्य दुकानदार भागने लगे। इस पर सिपाहियों ने दौड़ाकर फैसल को पकड़ लिया और पीटने के बाद बाइक पर बिठाकर कोतवाली लेकर चले गए।
पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप
कोतवाली में अचानक सब्जी विक्रेता फैसल की हालत बिगड़ गई, इस उसे सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसकी सूचना पर पहुंचे परिजनों ने पुलिस की पिटाई से फैसल की मौत होने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इसके बाद हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने उन्नाव-हरदोई मार्ग के लखनऊ चौराहा पर शव रखकर जाम लगा दिया।
आक्रोशित लोगों को क्षेत्राधिकारी आशुतोष कुमार ने समझाने की कोशिश की, लेकिन वह उग्र हो गए। वहीं, मामले पर एएसपी शशि शेखर सिंह ने कहा कि, पुलिस की पिटाई से मौत के आरोप निराधार है। सीएचसी के डॉक्टर ने दिल का दौरा पड़ने से मौत बात कही है।