लखनऊ। लखनऊ के दुबग्गा इलाके से एटीएस की टीम ने कथित रूप से अलकायदा से संबंध रखने वाले दो संदिग्धों को पकड़ा है। इस मामले के बाद यूपी के सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि ये संदिग्ध आतंकी 15 अगस्त तक सीरियल बम ब्लास्ट की तैयारी में थे। यूपी पुलिस ने दावा किया है कि संदिग्ध आरोपियों के घर से प्रेशर कुकर बम, विस्फोटक और हथियार बरामद किए हैं। लेकिन, इस बीच एक न्यूज चैनल ने संदिग्ध आतंकी के परिजनों से बात की है। जिसमें परिवार ने जो दावा किया है वो चौंकाने वाला है।
पत्नी बोली- मसीरूद्दीन अगर आतंकी होते तो भागते ना कि उनके बुलाने पर पास जाते
न्यूज चैनल से बात करते हुए मसीरूद्दीन की पत्नी ने बताया कि सुबह साढ़े 11 बजे हम लोग घर थे। मसीरूद्दीन भी चाय पीकर बैठे हुए थे। इस बीच दरवाजे पर चार-पांच लोग आए, तो मैं उन्हें पहचान नहीं पाई। इसके बाद मेरे पति मसीरूद्दीन ने उनसे खुद पूछा कि सर कुछ काम है क्या। तो उन्होंने पूछा कि मसीरूद्दीन कौन है। पत्नी ने दावा किया उन लोगों के पूछने पर मसीरूद्दीन खुद बाहर निकलकर गए। उसके बाद उन लोगों ने उनको पकड़ लिया। मेरी बेटी रोती रही लेकिन उन्होंने कहा कि कुछ पूछताछ करने के बाद छोड़े देंगे। पत्नी ने दावा किया कि अगर मेरे पति मुसुरूद्दीन आतंकी ही होते तो उनके पूछने पर पास क्यों जाते। वो तो भाग भी सकते थे।
थाने पर डेढ़ घंटे तक जीप में बैठाए रखा
मसीरूद्दीन की पत्नी ने कहा कि हम लोग थाने पर गए। वहां पर मेरे पति को करीब डेढ़ घंटे तक जीप में बैठाए रखा। मेरी बेटी इस दौरान रोती रही। तो उन लोगों ने कहा कि बेटा चिंता ना करो, हम लोग कुछ पूछताछ करने के लिए लेकर आए हैं। अभी छोड़ देंगे। पुलिस वालों ने कहा कि मसीरूद्दीन के भाई आदि लोगों को बुलाओ, उनसे पूछताछ करने के बाद छोड़ देंगे।
बेटियों को घर से बाहर निकाल दिया, कुकर के लिए दोबारा आए और ले गए
मसीरूद्दीन की पत्नी ने कहा कि मैं जब थाने चली गई तो कमांडो वाले आए थे। उस दौरान मेरी बेटियां घर पर थीं, तो उनको बाहर कर दिया गया। कई सामान लेकर गए। कुकर भी वहीं रखा था, जो कुछ दिन पहले ही खरीदकर ले आए थे। उसका तो प्रयोग भी नहीं किया गया था। कमांडो वालों ने कहा कि कुकर से कोई मतलब नहीं है। उसको लेकर क्या करेंगे। लेकिन, वो लोग जाने के कुछ देर बाद फिर आए और कुकर भी लेकर गए।
अपने बच्चों को छोड़कर कहीं जाते नहीं थे, पाकिस्तान जाने की बात झूठी
मसीरूद्दीन की पत्नी ने बताया कि एक बेटी की तबियत खराब रहती थी तो वो उसकी देखरेख करते थे। वह कहीं शहर से भी बाहर नहीं जाते थे। पाकिस्तान जाने की बात तो बहुत दूर की बात की है। उसने बताया कि ई-रिक्शा लिया था, उसकी बैटरी उन्होंने किश्तों पर ली थी। उसकी किश्त देने वो जाते थे। कई बार पैसे नहीं होते थे तो जिस दुकानदार से उन्होंने बैटरी ली थी, वो घर पर आता था पैसे मांगने। बैटरी की दुकान डाली थी। उसका सामान लेने जाते थे।
बोरे से किताबें निकालकर फेंक दी, उसके बाद उसमें क्या-क्या रखा, पता नहीं
उसने बताया कि पुलिस वालों ने घर का एक एक कोना देखा। इस दौरान एक बोरे में स्कूल की कुछ किताबें रखी थीं। उनको निकालकर फेंक दिया। उसके बाद बोरे में क्या-क्या भरा, उसके बारे में जानकारी नहीं है। उसने बताया कि हम लोग तो रोज कमाने खाने वाले लोग हैं। कहां से इस तरह की बातें आईं हैं, पता नहीं। मोहल्ले के लोगों से हमारे बारे में पूछ लीजिए। हमें फंसाया गया है।
कहीं जाते नहीं तो आतंकी कैसे हो गए
मसीरूद्दीन की मां ने बताया कि मेरे पांच बेटे हैं। वो मुझको कभी छोड़कर कहीं जाते नहीं थे। आज तक यूपी के बाहर तक नहीं गए। मां ने कहा कि मेरी स्थिति यह है कि मैं बिस्तर से उठ नहीं सकती। सब मेरी देखरेख करते थे। उनके बाप को मरे सालों हो गए। तबसे मेरी देखरेख यही करते थे। इतना बड़ा तूफान आएगा, कभी सोचा नहीं था।
खदरे का घर बेचकर, यहां प्लाट लिया
मां ने बताया कि करीब 13 साल पहले खदरे का मकान बेच दिया था। उसके बाद दुबग्गा क्षेत्र में आ गए थे। तबसे यहीं रह रहे हैं। मजदूरी करके परिवार चला रहे हैं। घर की स्थिति देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि हम कैसे परिवार का गुजारा करते होंगे। अगर आतंकी होते तो पैसा नहीं आता। अगर दूसरी जगह से पैसा आता तो क्या टीन के घर में रहते। दीवारें तक नहीं खड़ी हो पाईं हैं।
बेटे को छोड़ दो
मां ने रोते हुए कहा कि हमारा बेटा निर्दोष है। उसने कुछ नहीं किया है। हमारी मांग है कि उनको छोड़ दिया। इसके अलावा हमें कुछ नहीं चाहिए।