लखनऊ। कोरोना का कहर अभी भी जारी है। हालांकि संक्रमितों की संख्या में लगातार कमी होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन मौतों के आंकड़े अभी डरावने बने हुए है। इसी क्रम में मेरठ के आयकर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर संजय सिन्हा भी कोरोना के काल में समा गए। एक हफ्ते पहले ही उनकी मां का भी निधन हुआ है।
संजय सिन्हा के एक बेटा और एक बेटी है। अब पूरी जिम्मेदारी उनकी पत्नी के कंधों पर आ गई है। संजय सिन्हा का पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ गया था। पिछले हफ्ते मां की मौत के बाद संजय सिन्हा की भी स्थिति दिन पर दिन बिगड़ती गई और उन्होंने गुरूवार देर रात दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार सबसे पहले उनकी पत्नी अर्चना सिंह को बुखार हुआ। अगले दिन उनकी तबियत को देखते हुए 22 अप्रैल को सुभारती अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके अगले दिन बेटे चैतन्य की भी तबियत खराब होने के बाद अस्पताल में दाखिल किया गया।
उसके अगले दिन यानी 24 अप्रैल को संजय सिन्हा की भी तबियत खराब हो गई। जिसके बाद उन्हें भी उसी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। इस बीच उनकी तबियत बिगड़ती रही, जिसे देखते हुए उन्हें गाजियाबाद रेफर कर दिया गया। जहां पर यशोदा अस्पताल में उनको भर्ती कराया गया।
इस बीच उनकी तबियत में कोई सुधार नहीं दिखा। 14 मई से तबियत में थोड़ा सुधार दिखाई देने लगा था। लेकिन, अचानक 19 मई को उनकी तबियत फिर से अचानक खराब हो गई। उन्हें आईसीयू में ले जाया गया लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों के अनुसार उनका फेफड़ा पूरी तरह खराब हो चुका था।
मां और बेटे का एक ही जगह हुआ अंतिम संस्कार
संजय सिन्हा की मौत से ठीक दो हफ्ते पहले ही मां ने भी पांच मई को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। जिसके बाद उनका सूरजकुंड में अंतिम संस्कार कर दिया गया था। हालांकि संजय सिन्हा की तबियत को देखते हुए उनकी मां के निधन के बारे में उनको कुछ नहीं बताया गया था। गुरूवार को संजय की मौत के बाद उनका भी अंतिम संस्कार सूरजकुंड में किया गया।