कोरोना मरीजों के इलाज की नई गाइडलाइन में केंद्र सरकार ने प्लाज्मा थेरेपी को हटा दिया है। लेकिन आईवरमेक्टिन दवा और हाइड्रोक्लोरोक्वीन अभी भी उसमें शामिल है। दरअसल WHO ने आईवरमेक्टिन को लेकर सलाह दी है कि इसका इस्तेमाल ना करें। लेकिन भारत सरकार की गाइडलाइन में उन मरीजों को ये दवा दी जा सकती है जो होम आइसोलेशन में है।और जिनमें कोरोना के हल्के लक्ष्ण हैं।
तमिलनाडु सरकार ने प्रोटोकॉल में बदलाव किए
बता दें कि पिछले हफ्ते तमिलनाडु सरकार ने कोविड-19 मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में बदलाव किए, और आइवरमेक्टिन दवा को प्रोटोकॉल से हटा दिया। हालांकि पहले तमिलनाडु के हेल्थ डिपार्टमेंट ने ही इसे 3 दिन तक इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। इससे पहले WHO ने कोरोना मरीजों के इलाज में आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी थी।
‘कोरोना मरीजों को आइवरमेक्टिन दवा ना दें’
WHO के वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी नए लक्षण में जब किसी दवा का इस्तेमाल होता है तो उसकी सुरक्षा और असर का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसे में WHO की सलाह है कि क्लिनिकल ट्रायल को छोड़कर कोरोना मरीजों को आइवरमेक्टिन दवा ना दी जाए। वहीं स्वामीनाथन ने दवा बनाने वाली कंपनी का बयान पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि प्री क्लिनिकल स्टडी में कोरोना के इलाज में इस दवा के चिकित्सकीय प्रभाव का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।