गोरखपुर: कभी-कभी कोई ऐसा शख्स हमारे लिए मसीहा बन जाता है, जिसे हम जानते तक नहीं हैं। वो अजनबी होते हुए भी हमारे जीवन को बदल देता है। कुछ ऐसा ही हुआ है उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में।
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जिले में एक अजनबी कॉलर व बाल संरक्षण विभाग की मदद से डेढ़ सालों में 20 किशोरियों को बालिका वधु बनने से बचाया गया। दोनों के प्रयासों से 20 किशोरियों की शादी तुड़वाई गई, जिनमें एक की शादी उसके दोगुने उम्र के व्यक्ति से हो रही थी। ऐसे में उसे बाल विवाह के संकट से बचा लिया गया।
बालिग होने के बाद करवाई जाएगी शादी
जानकारी के मुताबिक, साल 2019-20 में चाइल्ड लाइन नंबर 1098 पर बाल विवाह की 15 और साल 2020-21 में पांच शिकायतें आयीं। इसके बाद चाइल्ड लाइन ने बाल संरक्षण विभाग को सूचना दी और बाल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर ऐसी शादियों को रुकवाया। बाल संरक्षण विभाग की टीम इन किशोरियों की स्थिति पर लगातार नजर रख रही है और अब उनकी शादी बालिग होने के बाद ही कराई जाएगी।
दोगुने आयु के व्यक्ति से किशोरी की शादी
अगर हम कुछ मामलों की बात करें तो बांसगांव थाना क्षेत्र के एक गांव में एक किशोरी माता-पिता की मृत्यु हो जाने के बाद अपनी दादी के पास रह रही थी। मगर, उसकी दादी किशोरी की शादी एक ऐसे व्यक्ति के साथ करा रही थी, जिसकी उम्र किशोरी के दोगुनी थी। जब इसकी जानकारी बाल संरक्षण विभाग को हुई तो टीम ने मौके पर पहुंचकर शादी रुकवाई। हालांकि, जब टीम शादी रुकवाने पहुंची तो ग्राम प्रधान किशोरी के आठवीं पास दस्तावेज दिखाकर उसे बालिग बता रहे थे, लेकिन मेडिकल कराने पर वह नाबालिग निकली। इसके बाद टीम ने किशोरी को उसके ननिहाल वालों के पास भेज दिया।
एक मामले में दर्ज हुआ मुकदमा
वहीं, हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र में एक किशोरी की शादी तो उसके फुफेरे भाई से करा दी गई थी। जब इसकी सूचना बाल संरक्षण विभाग को मिली तो टीम ने मामले की जांच करवाई। जांच में किशोरी नाबालिग निकली और फिर शादी तुड़वाई गई। साथ ही टीम ने आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट का मुकदमा भी दर्ज कराया।
उधर, इन मामलों पर बाल संरक्षण अधिकारी मिठाई लाल गुप्ता ने बताया कि, पिछले डेढ़ सालों में बाल विवाह की 20 सूचनाएं टीम को मिली हैं। टीम ने मौके पर जाकर शादियां रुकवाईं और परिजनों को चेतावनी दी है। एक मामले में तो मुकदमा भी पंजीकृत कराया गया है।