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गोरखपुर: शिक्षक की नौकरी छोड़ने के अनोखे बहाने, किसी का पति है दूर तो कोई चलाएगा पुरखों की दुकानें

Capture 9 गोरखपुर: शिक्षक की नौकरी छोड़ने के अनोखे बहाने, किसी का पति है दूर तो कोई चलाएगा पुरखों की दुकानें

यूपी के गोरखपुर में लोग अपनी शिक्षक की नौकरी को से पीछा छुड़ाने के लिए तरह-तरह के बहाने कर रहे हैं। इनके बहाने इतने अतरंगी हैं कि सुनकर आपको भी हंसी आ जाये। दरअसल, कुछ दिनों पहले ही शिक्षक भर्ती के लिए काउंसलिंग हुई थी, इसके बाद यहां नियुक्त किये गए एक टीचर की बात सुनकर बीएसए भी सन्न रह गए। टीचर ने कहा कि ‘सर, मैंने खुद का बिज़नेस शुरू किया है और अब वो रफ़्तार से चल रहा है। इसलिए मुझे अब नौकरी की जरूरत नहीं है। क्योंकि, इसकी वजह से मैं अपने बिज़नेस पर ध्यान नहीं दे पा रहा हूं। साथ ही समय का भी आभाव रहता है।’ टीचर की बात सुनकर बीएसए ने उन्हें त्यागपत्र देने को कह दिया। इसी तरह अन्य लोगों ने भी अपने-अपने कारणों द्वारा इस सरकारी नौकरी से दूरी बना ली।

लगभग आधा दर्जन लोगों ने छोड़ी नौकरी

एक महिला टीचर ने बीएसए के पास जाकर पानी व्यथा सुनाते हुए कहा ‘मेरे पति की बनारस में नौकरी है। उन्हें छोड़कर मैं गोरखपुर में नौकरी कर रही हूं। जो कि मुझसे नहीं हो पायेगा, इसलिए मैं ये नौकरी छोड़ रही हूं।’ इतना कहने के बाद उन्होंने अपना त्यागपत्र बीएसए को दे दिया।

इन सबके बीच पहले से ही सेल टैक्स विभाग के लिपिक पद में कार्य करने वाला युवक बीएसए के पास आया जो कि परेशान था। उसने बीएसए से कहा ‘मुझे सेल टैक्स की नौकरी छोड़नी है और शिक्षक बनना है। अगर आप मौका देकर मेरी ये इच्छा पूरी करें तो मेहरबानी होगी।’ बीएसए ने कहा ‘आप सेल टैक्स में पहले ही नौकरी कर रहे हो और सैलरी भी अच्छी है, तो क्यों छोड़ना चाह रहे हो।’ इस पर युवक बोला कि वहां काम बहुत ज्यादा करना पड़ता है और टीचर की नौकरी में बहुत आराम है, साथ ही दूसरी परीक्षा की भी तयारी कर सकूंगा। युवक की इस बात पर बीएसए नाराज हुए, लेकिन बाद में बोले कि अगली काउंसिलिंग में तुम्हें सूचना दे दी जाएगी। साथ ही युवक का नाम और मोबाइल नंबर नोट करवा लिया। इसी तरह गोरखपुर में के कई सारे वाक्ये हुए।

कुछ शिक्षकों ने दिया इस्तीफ़ा

गोरखपुर बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत जिले में नए शिक्षकों के साथ-साथ कुछ शिक्षकों ने इस्तीफ़ा दिया। किसी ने बिज़नेस करने की बात की तो किसी ने अपने पति के साथ रहने की। एक ने तो आराम करने की बात को लेकर शिक्षक की नौकरी की इच्छा भी जताई। ऐसे में सरकारी नौकरी से नाता तोड़ने की चर्चा बीएसए ऑफिस में चलती रही।

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