नई दिल्ली। देश राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा लोगों की दशा सुधारने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे है। इसके साथ बच्चों के पढ़ने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रखी है। जिनसे बच्चों को पढ़ने में आसानी हो। लेकिन इसी बीच देश की राजधानी दिल्ली में हुए एक सर्वे से चैंकाने वाले आकड़े सामने आए है। सर्वे के अनुसार दिल्ली में आज भी दो लाख बच्चे स्कूल जाने से वंचित हैं। इनमें से 64,813 बच्चे गरीबी के चलते स्कूल जाने में असमर्थ हैं। इसके साथ ही सर्वे में और भी कई आंकड़े सामने आए हैं। दिल्ली सरकार द्वारा एक करोड़ से ज्यादा लोगों पर किया गया ये सर्वे नवम्बर 2018 से नवम्बर 2019 तक चला। जबकि इसकी रिपोर्ट नवम्बर 2020 में तैयार हुई।
सर्वे में हुआ इन चीजों का खुलासा-
बता दें कि दिल्ली सरकार के इस सर्वे में 6000 से ज्यादा लोग शामिल थे। सर्वे में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले आंकड़े शिक्षा और शिशु के विकास को लेकर आए हैं। सर्वे के अनुसार दिल्ली में 6 से 17 वर्ष तक के 2,21,694 बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। इसके साथ ही इस रिपोर्ट में दिल्ली के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को आधार बनाते हुए लोगों की आय, शिक्षा, धर्म, जाति, गम्भीर बीमारी, टिकाकरण की स्थिति, रोजगार और लोगों द्वारा परिवहन के लिए इस्तेमाल होने वाले साधनों का विस्तृत ब्योरा दिया गया है। इसके साथ ही सर्वे में पता चला कि 0 से 6 साल की उम्र के 6 लाख से ज्यादा बच्चे आंगनवाड़ी के दायरे से बाहर हैं। साथ ही पता चला कि 0 से 5 साल के बीच के लगभग एक चौथाई बच्चों को आज तक किसी भी तरह के टीकाकरण की सुविधा नहीं मिली हैं। राजधानी के 63 प्रतिशत लोग आवाजाही के लिए बस का इस्तेमाल करते हैं। जबकि केवल 6 प्रतिशत लोग ही मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं।
80 प्रतिशत घरों में कम्प्यूटर की सुविधा नहीं हैं-
वहीं शहर के 42.59 प्रतिशत घर 10000 से भी कम में महीने भर का खर्च चलाते हैं। 80 प्रतिशत घरों में कम्प्यूटर की सुविधा नहीं हैं। इसके साथ ही लगभग 29 प्रतिशत घरों के नलों में पानी की आपूर्ति नहीं है। लगभग सभी घरों में शौचालय की सुविधा मौजूद है। शहर की लगभग तीन चौथाई आबादी सरकारी सुविधाओं पर निर्भर हैं। 2.60 प्रतिशत लोग गम्भीर बीमारियों से ग्रसित है और इनमें से ज्यादातर मधुमेह से पीड़ित हैं।