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नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ, मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को हरी झंडी

new parliament नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ, मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को हरी झंडी

मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा को हरी झंडी मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट नें केंद्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए उसके 20 हजार करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी है. आपको बता दें इस प्रोजेक्ट के तहत संसद की नई इमारत का निर्माण हो रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंजूरी और अन्य अनुमति में कोई खामी नहीं है. कोर्ट ने कहा है कि सरकार अपने प्रोजेक्ट को लेकर आगे बढ़ सकती है. इस मामले पर जस्टिस एएम खानविल्कर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की तीन जजों की बेंच ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया.

प्रोजेक्ट के खिलाफ कई याचिकाएं हुई दर्ज
इस प्रोजेक्ट के खिलाफ कई याचिकाएं दर्ज की गई. लुटियंस जोन में सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण को चुनौती देने वाली याचिकाओं में पर्यावरण मंजूरी समेत कई मुद्दों को उठाया गया था. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर को नए संसद भवन के लिए 10 दिसंबर को आधारशिला की अनुमति दी थी, लेकिन इसके साथ में यह भी निर्देश दिया था कि कोई निर्माण नहीं होगा. मामले में कोर्ट ने पिछले साल पांच नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी और भूमि पूजन किया, जो 20,000 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना का एक हिस्सा है. बता दें कि सितंबर, 2019 में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी. इस परियोजना में संसद की नई त्रिकोणीय इमारत होगी, जिसमें एक साथ 900 से 1200 सांसद बैठ सकेंगे. इसका निर्माण 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अगस्त, 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसमें केंद्रीय सचिवालय का निर्माण वर्ष 2024 तक करने की योजना है.

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