Breaking News featured देश धर्म भारत खबर विशेष

गुरु नानक जी की जयंती पर जानें सिखों के पहले गुरु के बारे में, क्या हैं उनकी शिक्षाएं

247039dd bc4a 4702 9465 3f85b439ff20 गुरु नानक जी की जयंती पर जानें सिखों के पहले गुरु के बारे में, क्या हैं उनकी शिक्षाएं

गुरु नानक जंयती। मानवता की सेवा में अपना पूरा जीवन लगाने वाले गुरु नानक जी जंयती को आज यानि कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। गुरु नानक देवजी को सिख धर्म का पहला गुरु कहा जाता है। गुरु नानकजी की जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है। क्योंकि नानक देवजी ने कुरीतियों और बुराइयों को दूर कर लोगों के जीवन में नया प्रकाश भरने का कार्य किया है। गुरुनानक जयंती इस साल 30 नवंबर को मनाई जा रही है। कहा जाता है कि बचपन से ही गुरु नानक देव का आध्यात्मिकता की तरफ काफी रुझान था और वह सत्संग और चिंतन में लगे रहते थे। आज सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव की 551वीं जयंती मनाई जा रही है। नानक साहिब का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी में हुआ था।

8 साल की उम्र छोड़ दिया था स्कूल—

बता दें कि नानक साहिब का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी में हुआ था, जो कि अब पाकिस्तान में हैं। इस जगह को ननकाना साहिब के नाम से भी जाना जाता है। सिख धर्म में गुरु पर्व का बहुत महत्व है। हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। प्रकाश पर्व के दिन सभाओं में गुरु नानक देव के द्वारा दी गई शिक्षाओं के बारे में बताया जाता है और गुरु ग्रंथ साहिब पाठ किया जाता है। 30 साल की उम्र तक गुरु नानक देव का ज्ञान परिपक्व हो चुका था और परम ज्ञान हासिल होने के बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन सत्य का प्रचार किया। गुरु नानक देव की जयंती को सिख धर्म के लोग बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा से प्रकाश पर्व या गुरु पर्व के तौर पर मनाते हैं। वहीं कहा जाता है कि ईश्वर की तलाश की खातिर गुरु नानक ने 8 साल की उम्र में ही स्कूल छोड़ दिया था। गुरु नानक देव का झुकाव बचपन से ही आध्यात्म की तरफ होने के कारण उन्होंने सांसारिक कामों से दूरी बना ली थी। वे लगातार ईश्वर और सत्संग की तरफ रुचि लेने लगे थे। ईश्वर के प्रति गुरु नानक का समर्पण काफी ज्यादा था, जिसके कारण लोग उन्हें दिव्य पुरुष मानने लगे। गुरु नानक जयंती यानी प्रकाश पर्व के मौके पर गुरुद्वारों में शब्द-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही अलग-अलग जगहों पर लंगर भी लगाए जाते हैं।

गुरुजी के द्वारा दी गईं 10 शिक्षाएं—

1- परम-पिता परमेश्वर एक है।

2- हमेशा एक ईश्वर की साधना में मन लगाओ।

3- दुनिया की हर जगह और हर प्राणी में ईश्वर मौजूद हैं।

4- ईश्वर की भक्ति में लीन लोगों को किसी का डर नहीं सताता।

5- ईमानदारी और मेहनत से पेट भरना चाहिए।

6- बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न ही किसी को सताएं।

7- हमेशा खुश रहना चाहिए, ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा याचना करें।

8- मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरत मंद की सहायता करें।

9- सभी को समान नज़रिए से देखें, स्त्री-पुरुष समान हैं।

10 – भोजन शरीर को जीवित रखने के लिए आवश्यक है। परंतु लोभ-लालच के लिए संग्रह करने की आदत बुरी है।

Related posts

वीडियो: तेल की चोरी करने गए उसी दौरान फटी तेल पाइपलाइन 73 लोगों की मौत, 76 अन्य घायल

Rani Naqvi

संघ का सोनिया पर वार कहा: पार्टी से ज्यादा महत्व रखता है परिवार

bharatkhabar

Air Force Agniveer Recruitment 2023: अग्निवीर योजना के तहत होगी भारतीय वायु सेना में भर्ती, देखें पूरी डिटेल

Rahul