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3 दिसंबर को किसानों से बात करेगी केंद्र सरकार, जानें कृषि कानून को लेकर इन मंत्रियों ने क्या कहा

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नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में देश की राजधानी में किसानों ने केंद्र सरकार की जड़े हिला कर रख दी हैं। पंजाब, ​हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली में कई दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं। लेकिन सरकार द्वारा उनकी एक भी नहीं सुनी गई। बल्कि पुलिस द्वारा किसानों पर आंसू गैस और पानी से चोट पहुंचाई जा रही है। इसे देख ऐसा लगता है कि अब देश में आम आदमी और किसान को अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने तक की आजादी नहीं है। दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान जमे हुए हैं। सीमा पर आज किसान आंदोलन का 5वां दिन है। किसान लंबे समय तक जमे रहने के लिए तैयार होकर आए हैं। इसके साथ ही उनकी गाड़ियों में राशन, बर्तन, कंबल लदे हुए हैं।

कई केंद्रीय मंत्रियों ने किया ट्वीट-

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है। लेकिन किसानों का एक गुट सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर ही डेरा डाले हुए है। वहीं दूसरी तरफ अब केंद्र सरकार के मंत्रियों की भी आवजें आने लगी हैं। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानून पर अपनी बात रखी जा रही है। कई केंद्रीय मंत्रियों ने ट्वीट कर भरोसा दिलाया है कि एमएसपी, मंडी जीवित रहेंगे और किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर समेत अन्य नेताओं ने सोमवार सुबह ट्वीट कर कृषि कानून के बारे में जानकारी दी। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार सुबह ट्वीट कर लिखा, नए कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है, जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर।

जानें केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने क्या कहा-

उनके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी ट्वीट किया। प्रकाश जावड़ेकर ने लिखा कि कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज़्यादा #MSP पर बेचा। MSP भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है। इसके साथ ही केंद्र सरकार की ओर से किसानों को तीन दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया गया है। इसके अलावा खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपील करते हुए कहा था कि अगर किसान बुराड़ी स्थित मैदान में आते हैं तो उनसे तुरंत भी बात हो सकती है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम में कृषि कानून के फायदे गिनाए थे और किसानों से किसी तरह की अफवाह में ना आने की अपील की थी।

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