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नहीं हो रही आपकी शादी तो आज का नवरात्र है आपके लिये खास

durga maa नहीं हो रही आपकी शादी तो आज का नवरात्र है आपके लिये खास

ऐसे करें मां कात्यायनी की खास पूजा

आज शारदीय नवरात्र का छठा दिन है. आज मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरुप की पूजा की जाती है. इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है. उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं. जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं. इसलिये कहा जाता है कि देवी की उपासना करने के परम पद की प्राप्ति होती है. ये भी कहा जाता है कि मां कात्यायनी देवी के आशिर्वाद से विवाह के योग बनते हैं. साथ ही वैवाहित जीवन में भी खुशियां प्राप्त होती हैं. जो भी मां के चरणों में शरण लेता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.

कैसे करें मां कात्यायनी को प्रसन्न-
मां को प्रसन्न करने के लिये ”चन्द्रहासोज्जवलकरा शार्दुलवरवाहना. कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी..’‘ मंत्र का उच्चारण करें.

मां कात्यायनी की पूजा करने से ये दुख होंगे दूर-                                                                                                                                                                                        मां कात्यायनी की पूजा करने के साधक को परम तेज और शक्ति की प्राप्ति होती है. उसके सभी कष्ट, रोग और भय का निवारण होता है. मां की आराधना से जातक की कुंडली के बृहस्पति ग्रह को बल मिलता है. साधक को वैवाहित जीवन का सुख मिलता है. सुंदर रंग रूप का आशिर्वाद मिलता है. मां की उपसना से चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति होती है.

कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा
– गोधूली वेला के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके इनकी पूजा करनी चाहिए.
– इनको पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें.
-इन्हें शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है.
-मां को सुगंधित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनेंगे साथ ही प्रेम संबंधी बाधाएं भी दूर होंगी.
– इसके बाद मां के समक्ष उनके मंत्रों का जाप करें.

शीघ्र विवाह के लिए कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा?
– गोधूलि वेला में पीले वस्त्र धारण करें.
-मां के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें पीले फूल अर्पित करें.
– इसके बाद 3 गांठ हल्दी की भी चढ़ाएं.
– हल्दी की गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें.
-मां कात्यायनी को शहद अर्पित करें.
– अगर ये शहद चांदी के या मिटटी के पात्र में अर्पित किया जाए तो ज्यादा उत्तम होगा.

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