- भारत खबर || नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश विधानसभा सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनवों पर केंद्रीय निर्वाचन आयेाग ने उपचुनावों की तिथि की घोषणा करते हुए उत्तर प्रदेश में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की बात कही है।
बताते चलें कि विधानसभा सीटों पर उपचुनावों की तैयारियाँ जोरों-शोरों पर हैं। अन्य दलों के प्रत्याशी उपचुनावों की निर्धारित होने वाली तारीख का बेहद बेसबरी से इन्तजार कर रहा है। केंद्रीय निर्वाचन आयोग का कहना है कि विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव 8 सीटों में से 7 सीटों पर होंगे। जिनकी तिथि शनिवार 7 नवंबर को निर्धारित कर दी गई है। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने अभी एक सीट को लेकर अपना कोई निर्णय नहीं सुनाया है।
गौरतलब है कि सन 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में लगभग 6 सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था।। क्योंकि इसमें 8 सीटों में से 5 सीट निर्वाचित विधायकों के निधन की वजह से खाली हुई थी। इस बार केंद्रीय निर्वाचन आयोग के द्वारा रामपुर की स्वार सीट पर किसी भी प्रकार से उपचुनाव कराने की घोषणा नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक पता चला है की फर्जी दस्तावेज संलग्न करने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2018 को आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खां की सदस्यता रद्द कर दी है। सदस्यता रद्द होने पर अब्दुल्ला आजम खां ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने 6 साल तक चुनाव ना लड़ने की बात पर असहमति जाहिर की है। ऐसा माना जा रहा है कि जब तक राष्ट्रपति के द्वारा कोई नहीं आ जाता तब तक चुनाव नहीं कराया जायेगा।
कुछ इस तरह होगी उपचुनाव की प्रक्रिया
केंद्रीय निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी 09 अक्टूबर 2020 तक नामांकन का पर्चा खरीद सकता है। इसके पश्चात नामांकन करने की अंतिम तिथि 16 अक्टूबर 2020 तक होगी। इसी प्रक्रिया के चलते 19 अक्टूबर तक उम्मीदवार के नाम वापसी व 03 नवंबर 2020 को 7 सीटों पर मतदान कराया जायेगा। जिनका अंतिम परिणाम की घोषणा 10 नवंबर 2020 को की जायेगी।
बताया जा रहा है कि उपचुनावों में सभी निर्वाचित विधायक केवल डेढ़ साल के लिए ही निर्वाचित हो सकेंगे। उन्हें सदन में बैठकर कार्य करने का ज्यादा लंबा अवसर प्राप्त नहीं हो सकेगा। इसका कारण यह है कि 2022 आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के प्रत्याशी फिर चुनावी रणभूमि में उतरेंगे।