- भारत खबर || लखनऊ
योगी आदित्यनाथ पूरे फॉर्म में हैं और इस वक्त वह सरकारी कामकाज की प्रक्रिया पर खास निगाह रख रहे हैं। अधिकारियों की कार्यशैली को कुशाग्र बनाने और उन्हें तेजतर्रार बनाने के लिए प्रदेश सचिवालय में सरकारी कर्मचारियों की समयबद्ध उपस्थिति को सुनिश्चित करने में लगे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों को हर हाल में 9:30 बजे तक दफ्तर पहुंच जाना है और अपने कामकाज को शुरू कर देना है यदि ऐसा करने में कोई कोताही हुई तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फाइल 7 दिन से ज्यादा पेंडिंग मिली तो खैर नहीं
शुक्रवार को सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि समस्त विभागों के विभागाध्यक्ष ये सुनिश्चित करें कि उनके विभागीय कर्मचारियों की उपस्थिति समय पर हो। इसके अलावा दफ्तर में 7 दिन से अधिक समय तक कोई भी फाइल पेंडिंग ना रखी जाए। सीएम ने कहा है कि किसी भी ऑफिस में फाइल को तीन दिन से अधिक ना रोका जाए।
सचिवालय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर सख्ती
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि सचिवालय में प्रमाणित व्यक्तियों का ही प्रवेश हो। कोई भी व्यक्ति पान, गुटखा आदि खाकर किसी भी तरह से गंदगी न करे। सचिवालय में अनाधिकृत एंट्री पर पूरी तरह से बैन लगाने की बात कहते हुए योगी ने कहा है क्या पास जारी करने से पहले ठीक तरीके से जांच पड़ताल अवश्य की जाए।
लंबित कामकाज को देखकर हुआ आदेश
योगी के सख्त कदम से अधिकारियों में खलबली मच गई है और बताया जा रहा है कि कोरोनावायरस के चलते हुए लॉकडाउन के बाद पेंडिंग पड़े कार्यो को जल्द से जल्द निपटाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कर्मचारियों की सुस्ती और कामकाज की धीमी गति पर चिंता जताई है। कहा है कि, अधिकारियों व कर्मचारियों को पूरी क्षमता के साथ और पूरी प्रोडक्टिविटी के साथ विभागीय कार्यवाही को पूरा करना है।