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पांच कब्रिस्तानों ने लौटाया जनाजा तो हिंदुओं ने शमशान में दी दफनाने की जगह

जनाजा पांच कब्रिस्तानों ने लौटाया जनाजा तो हिंदुओं ने शमशान में दी दफनाने की जगह

यह घटना गिरते मानवीय मूल्यों की कहानी बताने के साथ-साथ उन फिरकापरस्तों को आईना भी दिखाती है जो निहित स्वार्थ के लिए हिंदुस्तान की

हैदराबाद। यह घटना गिरते मानवीय मूल्यों की कहानी बताने के साथ-साथ उन फिरकापरस्तों को आईना भी दिखाती है जो निहित स्वार्थ के लिए हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब की बेदाग तस्वीर को खराब करने पर आमादा हो जाते हैं। एक मुसलमान को दफनाने के लिए पांच कब्रिस्तानों में इसलिए जगह नहीं दी गई, क्योंकि केयरटेकर को शक था कि उसकी मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई और वह स्थानीय भी नहीं है। ऐसे समय में उस इलाके के हिंदू आगे आए और मृतक को दफनाने के लिए अपनी श्मशान में जगह देते हुए परिवार की मदद भी की। तेलंगाना वक्फ बोर्ड ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

बता दें कि हैदराबाद के गंडमगुडा इलाके में रहने वाले 55 वर्षीय मुहम्मद ख्वाजा मियां की कार्डियक अरेस्ट के कारण 22 मई को मौत हो गई थी। परिजन शव को दफनाने के लिए पास के कब्रिस्तान में ले गए, लेकिन केयरटेकर ने यह कहते हुए इजाजत देने से इन्कार कर दिया कि वे स्थानीय नहीं हैं और शायद ख्वाजा की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है। ऐसी अमानवीयता एक-दो नहीं बल्कि पांच कब्रिस्तानों ने बरती। इस बीच जब हिंदू समुदाय के लोगों को मामले की जानकारी हुई तो वे आगे आए। उन्होंने ख्वाजा को दफनाने के लिए न सिर्फ श्मशान में जगह दी, बल्कि उसके परिवार की मदद भी की। ख्वाजा के बेटे मुहम्मद बाशा ने कहा, ‘हमें पिता को दफनाने के लिए एक कब्रिस्तान से दूसरे कब्रिस्तान में भागना पड़ा। लेकिन, कहीं इजाजत नहीं दी गई।’

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एक अन्य जगह पर भी केयरटेकर ने एक व्यक्ति को दफनाने की इजाजत देने से इसलिए इन्कार कर दिया, क्योंकि वह स्थानीय नहीं था। परिजनों ने कांग्रेस पार्टी के स्थानीय मुस्लिम नेता सलीमुद्दीन सिद्दीकी से संपर्क किया। इसके बाद उन्होंने दूसरे कब्रिस्तान में दफनाने की व्यवस्था की। मामलों को गंभीरता से लेते हुए तेलंगाना राज्य वक्फ बोर्ड ने कब्रिस्तान प्रबंध समितियों और केयरटेकरों को चेतावनी जारी की है। बोर्ड ने कहा है कि मुसलमानों को दफनाने की अनुमति देने से इन्कार करने पर प्रबंध समिति और केयरटेकर के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मुहम्मद सलीम ने उन कब्रिस्तानों की जांच के लिए कमेटी भी भेजी है, जिन्होंने दफनाने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था।

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