कोविड-19 कोरोना वायरल का इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है। इस दौरान दुनियाभर में वैज्ञानिकों के द्वारा की जा रही रिसर्च से अजीबों गरीब आंकड़े सामने आ रहे हैं। ऐसी ही एक रिसर्च अमेरिका में की गई है। जिसे सुनकर आपको अपने कानों पर भरोसा नहीं होगा।
आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका में कोरोना से संक्रमित पुरूषों को बचाने के लिए महिलाओं के सेक्स हार्मोन्स का सहारा लिया जा रहा है और इसके पीछे जो कारण दिया जा रहा है वो ये है कि दुनिया भर में कोरोना से मरने वाले 2 लाख से ज्यादा लोगों में महिलाओं की संख्य बेहद कम है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन इंसान की बच्चों को पैदा करने की क्षमता के लिए बहुत अहम हैं लेकिन हाल ही में हुए शोध में पता चला है कि ये दोनों हार्मोन महिलाओं में ज्यादा तादाद में पाए जाते हैं। ये दोनों हार्मोन इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता और खराब हुए टिश्यूज को ठीक करने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसी वजह से महिलाएं जैविक रूप से पुरुषों की तुलना में कोरोना वायरस से ज्यादा अच्छे से सामना कर पा रही हैं।
अमेरिका में तो कोरोना के कुछ पुरुष मरीजों को महिलाओं में पाए जाने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन से इलाज देना शुरू किया। ये डोज लगातार 7 दिनों तक दिए जाएंगे और फिर देखा जाएगा कि क्या कोरोना के दूसरे पुरुष मरीजों की तुलना में महिला हार्मोन्स से ट्रीट किए जा रहे मरीज बेहतर लग रहे हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार स्टडी में शामिल मुख्य वैज्ञानिक डॉ सारा घंधेहरी बताती हैं कि देखा जा रहा है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में इस वायरस से बेहतर मुकाबला कर पा रही हैं। यहां तक कि गर्भवती महिलाएं, जिनमें दो हार्मोन्स का स्तर काफी ज्यादा होता है, उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत कम दिख रहा है। इन्हीं कारणों को देखते हुए महिला हार्मोन्स के जरिए पुरुषों के इलाज की कोशिश हो रही है।
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बेहरहाल अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि ये तरीका काम करेगा या नहीं। हालाकि डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के द्वारा हर संभव कोशिश की जा रही है। लेकिन अभी तक कोरोना को लेकर कई सटिक दवाई नहीं बनी है।