नई दिल्ली। 500 महिलाएं एकजुट होकर जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठ गईं और रोड जाम कर दिया। इस बीच पुलिस हटाने पहुंची, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं हटे। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने रविवार सुबह 9 बजे करीब स्टेज लगाने की कोशिश भी की। लेकिन पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार के पहुंचने के बाद ऐसा नहीं होने दिया गया।
बता दें कि मैप में जहां जाफराबाद लिखा दिख रहा है वहां सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। आगे मौजपुर स्टेशन पर रोड खाली करवाने के लिए प्रदर्शन। लाल निशान का मतलब वह सड़क बंद है। दूसरे रंग का मतलब कि वहां का ट्रैफिक भी इससे प्रभावित हुआ। दोपहर 2 बजे करीब मौजपुर और दुर्गापुरी में भी लोग जुटने लगे। ये लोग सीएए के समर्थन में थे और प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग कर रहे थे।
दरअसल, जाफराबाद जैसा प्रदर्शन आगे चांदबाग में भी चल रहा था। यह इलाका करावल नगर के पास है, जहां से कपिल मिश्रा विधायक रह चुके हैं। इसलिए इस मामले पर कपिल दोपहर 1.30 बजे से ट्वीट कर रहे थे। फिर दोपहर 3.30 के करीब वह बाबरपुर पहुंच गए। उन्होंने पुलिस को एक तरह से अल्टीमेटम दिया कि वे लोगों को जल्द हटा लें, वर्ना वे उन्हें हटाने के लिए सड़कों पर आएंगे। इस बीच पथराव शुरू हो चुका था।
जाफराबाद में जहां प्रदर्शन करीब शांति से जारी था। वहीं मौजपुर और कर्दमपुरी की स्थिति बिगड़ गई थी। वहां सीएए के सपॉर्ट और विरोध वालों के बीच जमकर पथराव हुआ। कई लोगों के सिर भी फूटे। पुलिस हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए लगातार आंसू गैस के गोले छोड़ रही थी। हालांकि, इसे दोनों ही तरफ के प्रदर्शनकारियों पर असर न के बराबर था। इसके बाद रात को पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ।