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कविता/व्यंग: सुना है चुनाव काफी पास है

richa chaturvedy image कविता/व्यंग: सुना है चुनाव काफी पास है
  • ऋचा चतुर्वेदी

शेरों को भाने लगी अब घास है,
सुना है चुनाव काफी पास है
भारी भीड़ जुटाएं रैलियों में,
गरीब बस्तियों में तंग गलियों में
पाए जाने लगे नवाब हैं,
सुना है चुनाव काफी पास है।
ख्याल आ गया मजदूरों का किसानों का,
टपकती खपरैलों का, चटकती दीवारों का
नई स्कीमों की शुरू हो गयी बरसात है,
सुना है चुनाव काफी पास है।
बेटियों की चिंता, भगवान लगती है
जनता, खाते में पैसे, वादे कैसे-कैसे?
आँखों में धूल झोकने का पूरा प्रयास है,
सुना है चुनाव काफी पास है।
ऊपरवाला भी कंफ्यूज, वो भी हो रहा यूज
मंदिर में ढ़ोक गुरूद्वारे में भोग मस्ज़िद में नमाज,
सबसे बंधी आस है, सुना है चुनाव काफी पास है।
रोज भरते पर्चे और पर्चो पर चर्चे,
नित नए गठबंधन, बैठके गहन चिंतन
नेताजी की बोली में एक्स्ट्रा मिठास है,
सुना है चुनाव काफी पास है।

richa chaturvedt poet कविता/व्यंग: सुना है चुनाव काफी पास है
रचनाकार ऋचा चतुर्वेदी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं रूचि से एक लेखिका हैं। कई वर्षो से कहानियां, कविताएं लेखन में सक्रिय हैं और गुडगाँव की आवाज रेडियो पर अपनी रचनायें सुनाती रहतीं हैं। -pic: BharatKhabar.com

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