ट्रिपल तलाक बिलः एक बार फिर तीन तलाक बिल को लोकसभा ने पारित कर दिया है। अब यदि कोई भी मुस्लिम व्यक्ति पत्नी को एक साथ तीन तलाक बोलता है तो उसे तीन वर्ष ततक की सजा हो सकती है। सदन में मौजूद 256 सांसदों में से 245 सदस्यों ने बिल के पक्ष में वोटिंग की। जबकि इस बिल के खिलाफ 11 सदस्यों वोटिंग की। इसके साथ ही सदन में असदुद्दीन ओवैसी का संशोधन प्रस्ताव भी गिर गया। इस प्रस्ताव के पक्ष में मात्र 15 वोट पड़े।
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कांग्रेस और एआईएडीएमके ने इस बिल के विरोध में वॉकआउट किया है। ये वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं थे। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने भी वोटिंग में भाग नहीं लिया। इस बिल के खिलाफ लाए गए सभी संशोधन प्रस्ताव भी सदन में गिर गए। आपको बता दें कि इससे पहले दिसंबर 2017 में भी लोकसभा से तीन तलाक बिल को मंजूरी मिली थी। लेकिन राज्यसभा में गिर गया था। इसके बाद सरकार को तीन तलाक पर अध्यादेश लाना पड़ा था।
आपको बता दें कि लोकसभा से तीन तलाक को अपराध ठहराने वाले बिल को मंजूरी दिलाने के बाद सरकार के लिए राज्यसभा से इसे पारित कराना बहुत बड़ी चुनौती होगी।मालूम हो कि उच्च सदन (राज्यसभा) में एनडीए सरकार बहुमत में नहीं है।