घर का सपना रखने वाले लोगों के लिए केंद्र की मोदी सरकार लोकसभा चुनाव के महज कुछ दिन पहले घर खरीदने वालों के लिए बड़ी राहत देने का फैसला कर सकती है। जी हां मिली जानकारी के मुताबिक जीएसटी (वस्तु सेवा कर) कांउसिल की बैठक में आने वाले दिनों में ऐसे लोगों को सरकार राहत दे सकती है जो घर खरीदने के मूड में है। अगले महीने होने वाली जीएसटी परिषद में रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। जनवरी में होने वाली इस बैठक में फिटमेंट कमेटी जीएसटी दर घटाने को लेकर प्रस्ताव रखेगी।
इसे भी पढ़ेंःमोदी सरकार और RBI के बीच टकराव, गवर्नर उर्जित पटेल ने दिया इस्तीफा
आपको बता दें कि अभी निर्माणाधीन मकानों पर 12 फीसदी की जीएसटी दर लागू होती है। इसके अलावा उन रेडी-टू-मूव मकानों पर भी 12 फीसदी की जीएसटी दर लागू होती है। जिनका कार्य पूर्ण होने का प्रमाणपत्र नहीं मिला है। गौरतलब है कि रियल एस्टेट संपत्तियों के उन खरीदारों पर जीएसटी नहीं लगता। जिनको बिक्री के समय कार्य-पूर्ण होने का प्रमाण पत्र मिल चुका है। फ्लैट और घर के निर्माण में प्रयोग होने किया जाने वाला अधिकांश निर्माण उत्पाद, पूंजीगत सामान और सर्विसेज पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। सीमेंट पर 28 फीसदी का जीएसटी लगता है।
इसे भी पढ़ेंःरविवार को होगी जीएसटी परिषद की 17वीं बैठक
मालूम हो कि जीएसटी परिषध की बैठक में ऐसे मकानों पर जीएसटी दर घटाने की तैयारी है जो या तो बन रहे हैं और या फिर कंप्लीशन (निर्माण कार्य सम्पन्न होने का प्रमाण पत्र) का इंतजार कर रहे हैं। सरकार ऐसे मकान पर लगने वाले 12 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत कर सकती है। इससे उपभोक्ता को सीधे तौर पर 8 प्रतिशत तक का लाभ होगा। बिल्डरों को अलग-अलग वस्तुओ पर टैक्स में छूट दी जाती है। बिल्डरों के लिए जीएसटी दर घटाकर पांच प्रतिशत का प्रस्ताव भेजा गया है।
इसे भी पढ़ेंःजीएसटी काउंसिल की बैठक में लोगों को मिली राहत, सैनिटरी नैपकिन GST से बाहर, चीजें हुई सस्ती
जानकारी के मुताबिक जीएसटी परिषद के सामने रखे गये प्रस्तावों में कहा गया है कि 80 प्रतिशत निर्माण सामग्री पंजीकृत डीलरों से खरीदने वाले बिल्डरों के लिये जीएसटी दर कमकरके पांच फीसदी कर दी जाए। वर्तमान में बिल्डर निर्माण में प्रयोग हो रही वस्तुओं के लिए नकदी में भुगतान कर रहे हैं। इसके अलावा उपभोक्ताओं को सामग्री खरीद में चुकाए गए टैक्स पर मिलने वाले लाभ नहीं मिल रहा है। लिहाजा औपचारिक व्यवस्था के अंदर लाने की आवश्यकता है।