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उत्तराखंडः 18 नवंबर को होगा निकाय चुनाव का मतदान,आचार संहिता लागू

उत्तराखंडः 18 नवंबर को होगा निकाय चुनाव का मतदान,आचार संहिता लागू

उत्तराखंडः सूबे में 18 नवंबर को निकाय चुनाव का मतदान होना हैं इसी लिहाज से आचार संहिता लागू कर दी गई है। आपको बता दें कि राज्य में 7 नगर निगम, 39 नगर पालिका और 38 नगर पंचायतों में चुनाव होंगे। वहीं तीन निकायों में आरक्षण लागू न होने के कारण 92 निकाय में से केवल 84 निकाय में ही चुनाव संपन्न किए जाएंगे।चुनाव में अधिसूचना जारी की गई है। सरकार ने निकाय चुनाव का जो प्रस्ताव तैयार किया है उस पर आयोग पहले ही सहमति दे चुका है।मालूम हो कि सोमवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में निकाय चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की है।

 

उत्तराखंडः 18 नवंबर को होगा निकाय चुनाव का मतदान,आचार संहिता लागू
उत्तराखंडः 18 नवंबर को होगा निकाय चुनाव का मतदान,आचार संहिता लागू

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उन्होंने बताया कि निकाय चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई है। 20 से 22 अक्तूबर तक नामांकन प्रक्रिया चलेगी।वहीं 27 अक्तूबर को नाम वापसी होगी। 18 नवंबर को मतदान होगा, 20 नवंबर को मतगणना के बाद परिणाम आएंगे नैनीताल हाई कोर्ट ने बीते 10 अक्टूबर को प्रदेश सरकार को एक सप्ताह के भीतर निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के फरमान सुनाया है। प्रदेश सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए छुट्टी के दिन भी काम कर 14 अक्टूबर को 84 निकायों में आरक्षण की अधिसूचना जारी की।

सोमवार 15 अक्टूबर को सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कार्यक्रम सौंपा।आयोग ने भी तत्काल निकाय चुनावों की घोषणा की। इसके साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। राज्य के 84 नगर निकायों में 18 नवंबर को मतदान होगा। मतगणना 20 नवंबर को। प्रदेश के 8 नगर निगमों में से रुड़की को छोड़ कर सात में चुनाव होगें। सूबे की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है।

विधानसभा चुनावों में किनारे रही कांग्रेस इसको एक अच्छा चांस मान रही है। कांग्रेस को अपने किए से ज्यादा भरोसा निकाय क्षेत्रों में लटके हुए उन कामों से है जो सरकार ने नहीं किए है। हाई कोर्ट के आदेश प्रदेश के बड़े शहरों से हटाए जा रहे अतिक्रमण पर भी कांग्रेस जरूरत से ज्यादा भरोसा कर रही है। कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जैसे बड़े शहरों में भाजपा को अतिक्रमण अभियान का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।ॉ

महेश कुमार यादव

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