चंडीगढ़। हरियाणा में जाट समुदाय के नेताओं के एक वर्ग ने आरक्षण के लिए रविवार (5 जून) से फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू करने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने केंद्र से और 15 कंपनियां मांगी है। प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
जाट आंदोलन के चलते शनिवार शाम को सोनीपत में इंटरनेट सर्विस और बल्क मैसेज पर बैन लगा दिया गया। पिछली बार हिंसा प्रभावित जिलों में धारा 144 लागू है। 9 जिलों में पैरामिलिट्री फोर्स की 41 कंपनियां तैनात हैं। स्टेट गवर्नमेंट ने पुलिसकर्मियों की छुटि्टयां रद्द कर दी हैं। सीआईडी आंदोलनकारियों पर निगरानी रखे है।
सीआरपीसी की धारा 144 के तहत रोहतक, गुड़गांव, झज्जर और सोनीपत सहित सात जिलों में निषेधाज्ञा लगायी गयी है। रैली दोपहर 12 बजे के करीब जींद-नरवाना राष्ट्रीय राजमार्ग के पास झांझ कलां गांव में शुरु होगी।
हरिणाया ने अपने पांच दशकों के इतिहास में इस साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हिंसा का सबसे खराब दौर देखा था। आंदोलन के दौरान 30 लोगों की जान गई थी, 320 लोग घायल हुए थे और सैकड़ों करोड़ की संपत्ति बर्बाद हुई थी। करीब 10 दिनों तक राज्य पंगु बना रहा था।