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हिलेरी ने आतंकवाद पर ट्रंप के ‘भड़काऊ’ बयान की निंदा की

hilary clinton हिलेरी ने आतंकवाद पर ट्रंप के 'भड़काऊ' बयान की निंदा की

वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन ने स्वंय को आतंकवाद से लड़ चुके एकमात्र राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया और सप्ताहांत में न्यूयार्क, न्यूजर्सी और मिनेसोटा में हुई घटनाओं पर ट्रंप की प्रतिक्रिया को भड़काऊ और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने वाली बताकर उसकी निंदा की। टीवी चैनल सीएनएन के अनुसार, वेस्टचेस्टर प्रांत के हवाई अड्डे पर सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि आतंकियों को युद्ध क्षेत्र से खदेड़ने के लिए किए गए कड़े फैसले में वह सहयोगी रही हैं। उन्होंने अपने दृढ़ रुख को ट्रंप से अलग बताते हुए उनके बयान को ‘गैर जिम्मेदाराना और बेलगाम शब्दाडंबर’ बताया।

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हिलेरी क्लिंटन ने कहा, यह कुछ और ही है जो वह कहते हैं। यह जमीनी हकीकत नहीं है। यह दुराग्रही विचारों की वकालत है। उन्होंने कहा, वास्तव में मैं इन चुनौतियों से निपटने को तैयार हूं, न कि गैर जिम्मेदाराना बयानबाजियों में शामिल हूं।सप्ताहांत में चेल्सिया के पड़ोसी शहर मैनहट्टन में एक विस्फोटक उपकरण में विस्फोट हुआ जिसके बाद एक बार फिर आतंक की राजनीति 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में मुख्य मुद्दा बन रही है।

घटना पर हिलेरी क्लिंटन और ट्रंप ने विरोधाभाषी शैली में अपनी-अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। घटना के बारे में पर्याप्त जानकारी मिलने से पहले ही ट्रंप ने तुरंत घोषणा की कि न्यूयार्क में बम विस्फोट हुआ है, जबकि इस बीच क्लिंटन ने सावधानी बरतते हुए कहा कि पर्याप्त जानकारी मिलने तक निष्कर्ष निकालने के लिए प्रतीक्षा का महत्व होता है। संवाददाता सम्मेलन में क्लिंटन ने धर्म के आधार पर पूरे समुदाय को खलनायक बताने की प्रवृत्ति के खिलाफ भी चेतावनी दी।

विस्फोट के स्थल के पास वीडियो में देखे जाने के बाद पकड़े गए अहमद खान रहामी के बारे में जब पूछा गया तो क्लिंटन ने कहा, लाखों कानून के पालन करने वाले और शांतिप्रिय अमेरिकी मुस्लिम हैं। इसलिए हम खराब लोगों के खिलाफ पीछे पड़ते हैं और हम उन्हें पाने जा रहे हैं, लेकिन हम पूरे समुदाय विशेष के पीछे पड़ने नहीं जा रहे हैं, जैसा कि आईएसआईएस (आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट) चाहता है।

आतंकवाद से लड़ने के लिए संवाददाता सम्मेलन में क्लिंटन ने कोई नीति नहीं पेश की। उन्होंने पहले की बात दोहराई कि अकेले आतंकी द्वारा हमलों से निपटने के लिए अमेरिका को खुफिया तंत्र में और ज्यादा निवेश करना चाहिए।

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