नई दिल्ली। श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हर साल हरियाली तीज मनाई जाती है। इस बार ये 13अगस्त को पड़ रही है। जिसे सौभाग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति के मनाया जाता है। चारों तरफ हरियाली होने के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इस दिन वृक्ष, नदियों तथा जल के देवता वरुण की भी पूजा की जाती है। इस दिन मुख्य रुप से भगवान शिव और माता पार्वती की साथ में पूजा करनी चाहिए।
अविवाहित कन्याओं को करना चाहिए व्रत
- हरियाली तीज का व्रत यूं को शादी शुदा महिलाएं रखती हैं लेकिन अगर अविवाहित कन्याए इस दिन व्रत रखती हैं तो उनकी शादी जल्दी होती है।
- इसके साथ ही अविवाहित कन्याओं को इस दिन उपवास रखकर हर-गौरी की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए।
- कुंडली में कितने भी बाधक योग क्यों न हों, इस दिन की पूजा से नष्ट किए जा सकते हैं।
- इसका सम्पूर्ण लाभ तभी होगा, जब अविवाहिता इस उपाय को स्वयं करें।
- इसके साथ ही महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सलमाती के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं।
कैसे करें पूजा
- इस दिन दिनभर उपवास रखना चाहिए तथा श्रृंगार करना चाहिए।
- श्रृंगार में मेहंदी और चूड़ियों का जरूर प्रयोग करना चाहिए।
- सायंकाल शिव मंदिर जाकर भगवान शिव और मां पार्वती की उपासना करनी चाहिए।
- वहां पर घी का बड़ा दीपक जलाना चाहिए।
- संभव हो तो मां पार्वती और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
- पूजा समाप्ति के बाद किसी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करनी चाहिए तथा उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
- इस दिन काले और सफेद वस्त्रों का प्रयोग करना वर्जित माना जाता है. हरा और लाल रंग सबसे ज्यादा शुभ होता है।
कैसे करें पूजा
- हरियाली तीज पर सबसे पहले माता पार्वती का श्रृंगार किया जाता है।
- इसके लिए चूड़ियां, आल्ता, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी, काजल, कुमकुम, सुहाग पूड़ा का इस्तेमाल होता है।
- सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें, काली मिट्टी से भगवान शंकर, माता पार्वती और गणेश की मूर्ति बनाएं।
- माता पार्वती को सुहाग सामान अर्पित करें और कथा सुनने के बाद आरती करें।
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