नासा ने मिशन सूर्य नमस्कार की शुरुआत कर दी है। गौरतलब है कि नासा ने सूर्य के सबसे नजदीक जाने का खतरा उठाया है।
आज दोपहर साढ़े 3 बजे नासा का पार्कर सोलर प्रोब स्पेसक्राफ्ट लॉन्च कर दिया गया है।
नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने के बाद यह स्पेसक्राफ्ट सूर्य की यात्रा में में निकल गया।
आपको बता दें कि सूर्य के सबसे नजदीक जाकर उसके राज खोलने के लिए आंकड़े जुटाएगा।
नासा ने इस मिशन को ‘टच द सन’ नाम दिया है
मिशन से सौर हवाओं से धरती पर पड़ने वाले प्रभाव का पूर्वानुमान लगाने में सफलता मिल सकेगी।नासा ने इस मिशन को ‘टच द सन’ नाम दिया है।क्योंकि ये पहला ऐसा मिशन है, जो सूर्य के सबसे करीब जाएगा।मालूम हो कि स्पेसक्राफ्ट की गति सात लाख 16 हजार किलोमीटर प्रति घंटे है। यह पृथ्वी से सूर्य के बीच 1496 करोड़ किलोमीटर की दूरी चार महीने में तय कर लेगा।मिशन के बारे में नासा के वैज्ञानिक निकोला फोक्स का कहना है कि हम सूर्य के बहुत नजदीक तक पहुंच रहे हैं। जैसा कि कारेन फॉक्स भी कह चुके हैं कि हम वहां तक पहुंच गए थे।
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सूर्य की अपनी कक्षा में पहुंचने से पहले सात बड़े कदम उटाएंगे-कॉक्स
जहां से सूर्य की सतह महज 3.84 मील दूर थी। लेकिन अब हम सात शुक्र के गुरुत्वाकर्षण बल का इस्तेमाल करेंगे।और धीरे-धीरे सूर्य की सतह के और नजदीक पहुंच जाएंगे। यानी हम सूर्य की अपनी कक्षा में पहुंचने से पहले सात बड़े कदम उटाएंगे।कॉक्स भी कह चुके है कि वहां खाली हाथ नहीं जा रहे।हमारे साथ उपकरण बहुत बड़ी तादात में है।उन्होनें बताया कि उपकरण उस माप में सहायक होंगे, जिसकी कल्पना हम अब तक करते रहे हैं।
महेश कुमार यदुवंशी