नई दिल्ली:उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसफ आखिरकार सुप्रीम कोर्ट जज बनने जा रहे हैं। आज शपथ ग्रहण समारोह होना है। लेकिन इससे पहले एक नया विवाद उभर आया है। जोसफ अपने साथ ही सुप्रीम कोर्ट बनने जा रहीं जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस विनीत सरन से वरिष्ठता के हिसाब से जूनियर माने जाएंगे। इसकी वजह है सरकार की तरफ से उनकी नियुक्ति का नोटिफिकेशन बाकी दोनों जजों के बाद आना है।
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बता दें जोसफ कि नियुक्ति को लेकर सरकार और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम पहले भी आमने-सामने आ चुके हैं। उनका नाम जनवरी में इंदु मल्होत्रा के साथ सरकार को भेजा गया था। सरकार ने इंदु मल्होत्रा को जज बनाया, लेकिन जोसफ का नाम कॉलेजियम को लौटा दिया था। सरकार की दलील थी कि कई हाई कोर्ट के जजों का प्रतिनिधित्व सुप्रीम कोर्ट में नहीं है। वरिष्ठता के लिहाज से भी के एम जोसफ कई हाई कोर्ट जजों से पीछे हैं।
जिसके बाद 16 जुलाई को कॉलेजियम ने उनका नाम दोबारा सरकार के पास भेजा। लेकिन क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और वरिष्ठता की दलील को मानते हुए इंदिरा बनर्जी और विनीत सरन के नाम की भी सिफारिश की गई थी। हाई कोर्ट जज बनने की तारीख के हिसाब से दोनों जोसफ से वरिष्ठ हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह का सर्क्युलर जारी कर चुका है। इसमें भी इंदिरा बनर्जी का नाम पहले है, उनके बाद विनीत सरन और के एम जोसफ का. यानी एक तरह से सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की तरफ से भेजे गए वरिष्ठता क्रम को स्वीकार कर लिया है। एक बार सर्क्युलर जारी होने के बाद इसमें बदलाव की संभावना बहुत कम है।
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By:Ritu Raj